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पंजाब में भाजपा को कैप्टन के बाद अब एक और साथी मिला,पंजाब चुनाव बना बहु-कोणीय…

पंजाब में कैप्टन के अलावा ये दल भी आया बीजेपी के साथ, रोमांचक होगी चुनावी लड़ाई...

पंजाब चुनाव में अभी समय शेष है, लेकिन इस चुनावी समर के लिए राजनीतिक दल अपने हर दांव को आजमा लेना चाहते हैं। जी हां पंजाब में अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए कोई मुफ़्त चुनावी बिसात बिछा रहा है तो कोई दलित चेहरे को आगे रखकर मैदान मारना चाहता है।

Bjp And Amrindar Singh

वहीं इसी बीच भाजपा भी अपना दावा चुनाव से पहले सूबे में मजबूत कर लेना चाहती है, ताकि वह एकछत्र सत्ता तक पहुँच बना सकें। गौरतलब हो कि किसान आंदोलन की वज़ह से जहां पंजाब में भाजपा के लिए थोड़ी राहें कठिन हुई थी। वहीं अब कैप्टन के साथ आने के साथ भाजपा मजबूत होती दिख रही है।

Bjp And Amrindar Singh

इतना ही नहीं अब जो ताजा ख़बर निकलकर आ रही। उसके मुताबिक पंजाब में भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढींढसा की पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि इस तरह से तीन दल एक साथ मिलकर पंजाब के चुनावी समर में उतरने जा रहें हैं और इसकी जानकारी बीते दिन यानी सोमवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी।

मालूम हो कि पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह होम मिनिस्टर अमित शाह के घर पर पहुंचे थे। जहां मीटिंग में पंजाब में गठबंधन को लेकर फैसला हुआ और इस मीटिंग के दौरान जेपी नड्डा, पंजाब के प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। वहीं इस मीटिंग में ही तीनों दलों के साथ लड़ने पर फैसला लिया गया, लेकिन अभी तक राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है।

बता दें कि पंजाब के भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि आज तीनों दलों के प्रमुखों की बैठक हुई। इसमें सभी पार्टियों के 2-2 सदस्यों वाली एक कमेटी बनाने का फैसला हुआ है और यह समिति राज्य में सीट शेयरिंग और मेनिफेस्टो को तैयार करने का काम करेगी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि तीनों दलों की ओर से एक साझा घोषणापत्र पंजाब को लेकर जारी किया जाएगा। गौरतलब हो कि पंजाब का विधानसभा चुनाव इस बार बहुकोणीय हो गया है।

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सूबे में इस बार जहां एक तरफ कांग्रेस है। तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी राज्य में मजबूत नजऱ आ रही है। इसके अलावा अकाली दल के भी अपने दावे हैं और उन्होंने बसपा के साथ हाथ मिलाकर सूबे के दलितों को साधने की सोची है। ऐसे में यह तो देखने वाली बात होगी कि इस बार पंजाब में सत्ता किसे मिलती है, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

वहीं आख़िर में बता दें कि भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढींढसा की पार्टी मिलकर तीसरा मोर्चा बना चुके हैं। वहीं किसान संगठनों ने भी अपनी नई पार्टी बनाकर चुनावी समर में उतरने का फैसला लिया है।

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