हनुमान अष्टमी: हनुमान चालीसा पढ़ते समय किस आसान पर बैठना चाहिए?कैसे कपड़े पहनना चाहिए?
हनुमान जी भक्तों के दुख को हरने के लिए जाने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त उनकी शरण में जाता है वह कभी निराश नहीं होता है। बजरंगबली अपने भक्तों का हमेशा ख्याल रखते हैं। उन्हें खुश करने के लिए भक्त कई तरह की चीजें करते हैं। जैसे हनुमान जी की नित्य पूजा पाठ करना, रोज बजरंगबली के मंदिर जाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना इत्यादि।
इस तारीख को है हनुमान अष्टमी
हनुमान चालीसा का पाठ बजरंगबली को खुश करने का सबसे आसान तरीका होता है। वहीं ये पाठ करने से हमारी इच्छा शक्ति भी मजबूत होती है। फिर यदि आप इस हनुमान चालीसा का पाठ हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami 2021) पर करें तो लाभ कई गुना बढ़ जाता है। हनुमान अष्टमी पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इस बार ये 27 दिसंबर, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन सभी हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय याद रखें ये बातें
हनुमान चालीसा का पाठ करने का तरीका बहुत ही सरल है, लेकिन जानकारी के आभाव में लोग इसमें भी गलती कर बैठते हैं। इस भूल-चूक के चलते उन्हें अपने पाठ का उचित परिणाम नहीं मिल पाता है। ऐसे में आज हम आपको हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताने जा रहे हैं।
1. हम जब भी किसी मंत्र, स्तुति या स्त्रोत का पाठ करते हैं तो एक खास आसान का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सही जानकारी न होने पर लोग गलत आसान का इस्तेमाल कर लेते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आपको ऊनी या कुशा के आसन का ही उपयोग करना चाहिए। इस आसान पर बैठकर पाठ करने से उचित फल मिलता है।
2. कुछ लोगों की आदत होती है कि वह नहाने के तुरंत बाद सिर्फ टॉवेल लपेटकर और भीगे शरीर में ही हनुमान चालीसा का पाठ करने लगते हैं। ये चीज गलत है। आप जब भी हनुमान चालीसा पढ़ें तो स्नान करने के बाद लाल धोती पहने और हनुमानजी के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। यही भगवान को प्रसन्न करने का सही तरीका है।
3. गंदे कपड़ों, बिना नहाए या अस्वच्छ अवस्था में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। आप जहां हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं वहां भी साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। गंदगी अक्सर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। इस नेगेटिव एनर्जी के साथ किया गया कोई भी पाठ शुभ फल प्रदान नहीं करता है। बल्कि आपकी इस हरकत से भगवान नाराज भी हो सकते हैं।
4. रजस्वला स्त्री (मासिक धर्म से गुजर रही महिला) के स्पर्श के बाद हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। यदि गलती से स्पर्श हो जाए तो पहले नहा लें और साफ सुथरे कपड़े पहने और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आपका ध्यान सिर्फ और सिर्फ ईश्वर की भक्ति पर केंद्रित होना चाहिए। इस दौरान मन शांत रहना चाहिए। इधर उधर की बातें नहीं सोचना चाहिए। गुस्सा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। मन में गंदे विचार नहीं लाने चाहिए। स्वच्छ मन से ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।