बार-बार नौकरानी का रोल मिलने पर छलका इस अभिनेत्री का दर्द, कही ये बातें…
तिलोत्तमा शोम फिल्मों में सुंदरता को लेकर चल रहें मानक से क्यों हैं परेशान? जानिए वज़ह...
तिलोत्तमा शोम एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं। जो आज़कल किसी पहचान की मोहताज़ नहीं। इनका जन्म कोलकाता पश्चिम बंगाल में हुआ। वहीं तिलोत्तमा शोम ने अपनी शुरूआती पढाई कोलकाता से पूरी की है। जिसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की पढाई लेडी श्रीराम कॉलेज से की और फ़िर धीरे-धीरे उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
जिसके बाद उन्होंने किस्सा और सर जैसी फिल्मों में काम किया। वहीं कई फिल्मों का हिस्सा बन चुकीं अभिनेत्री तिलोत्तमा शोम का कहना है कि फिल्मों में सुंदरता को लेकर जिस तरह से मानक हैं, वो काफी अजीब हैं। गौरतलब हो कि उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि हॉलीवुड फिल्म निर्देशक ने उनके रंग को काला दिखाने की कोशिश की थी।
उसका कहना था कि वो गरीब होने के लिए बहुत सुंदर दिखती हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनका रंग काला लगे। ऐसे में उन्होंने खुद को बार-बार नौकरानी के रोल मिलने पर भी नाराजगी जताई।
बता दें कि एक मैगजीन से बातचीत में तिलोत्तमा ने कहा कि मीरा नायर के साथ अपनी पहली फिल्म मानसून वेडिंग में उन्होंने एक मेड की भूमिका निभाई थी। इस रोल के बाद उनको लगातार नौकरानी की भूमिकाएं ऑफर हुईं, जिससे उनको काफी बुरा लगा।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सुंदर दिखने को मानक फिल्म और समाज में हैं, वो परेशान करने वाले हैं। एक हॉलीवुड फिल्म में निर्देशक ने मेरी स्किन इसलिए काला दिखाने की कोशिश की। जिससे मैं गरीब लगूं।
इतना ही नहीं शोम ने कहा कि, ” मैं आभारी हूं कि ‘फेयर एंड लवली’ (गोरा होने) का जुनून हमारे घर में कभी नहीं आया। मेरे माता-पिता इस मामले में वास्तव में प्रगतिशील थे।” इसके अलावा उन्होंने सुंदरता के मानकों पर कहा, मेरी पोस्ट पर जब कोई ‘मेरी नौकरानी तुमसे अधिक सुंदर है’ जैसे कमेंट करता है तो पता चलता है कि सुंदरता एक औपनिवेशिक विचार है, जिसमें लोगों का गोरा होना जरूरी है। वास्तव में, सुंदरता एक मनोदशा होती है।
वहीं मालूम हो कि तिलोत्तमा ने शंघाई, किस्सा: द टेल ऑफ़ ए लोनली घोस्ट और ए डेथ इन द गंज जैसी फिल्मों के लिए खूब तारीफें बटोरी है। इसके अलावा कई अवार्ड भी उनको अपनी एक्टिंग के लिए मिल चुके हैं। आख़िर में बता दें कि तिलोत्तमा शोम ने साल 2001 में मीरा नायर की फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग’ से अपने करियर की शुरुआत की थी।
इसके बाद वह इंग्लिश, बंगाली, हिंदी, नेपाली, पंजाबी और जर्मन भाषा की कई फिल्मों में नजर आईं। उन्होंने हाल ही में यूके एशियन फिल्म फेस्टिवल के न्यू एडिशन में सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस का पुरस्कार हासिल किया है और उन्हें यह पुरस्कार ‘राहगीर: द वेफेयरर्स’ के लिए मिला है।