
पाकिस्तान की खस्ता हालत देख इमरान खान को याद आया भारत, तारीफ करते हुए कह दी बड़ी बात
पाकिस्तान अक्सर भारत के खिलाफ जहर ही उगलता आया है। लेकिन अपने देश की बिगड़ती स्थिति को देख उन्हें हिंदुस्तान की याद आ गई। दरअसल गुरुवार को एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की मिसाल दे डाली।
उन्होंने ये बात स्वीकार करी कि वे (पाकिस्तान) भारत से बहुत पीछे रह गए। पाक पीएम इमरान खान ने ये बात तब कही जब वे लाहौर में विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्र, टेक्नोपोलिस परियोजना का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
पाक पीएम ने दी भारत की मिसाल
यहां इमरान खान ने बोला कि दुनिया तकनीक की तरफ तेज से बढ़ रही है, लेकिन हमारा मुल्क इसमें बहुत पीछे रह गया है। हमारे पास सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से आगे बढ़ने का अवसर था लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए। वहीं हमारे पड़ोसी मुल्क (हिंदुस्तान) ने इस अवसर का सही लाभ उठाया। आज वह हमसे बहुत आगे है।
भारत हमसे 15-20 साल पहले सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आया था। ऐसे में उनका वर्तमान में निर्यात लगभग 150 अरब डॉलर है। वहीं पाकिस्तान की बात करें तो 70 फीसदी सुधार के बावजूद हमारा निर्यात केवल अरब डॉलर है।
दुनिया आगे बढ़ रही और हम पीछे
परियोजना का उद्घाटन करते हुए पाक पीएम ने कहा कि दुनिया बड़ी रफ्तार से तकनीक की तरफ अग्रसर हो रही है, वहीं पाकिस्तान इसमें पीछे होता जा रहा है। पाकिस्तान के भले के लिए हमे अपना आयात सुधारणा होगा। यदि हमे निर्यात को बढ़ाना है तो आयात को बेहतर करना होगा।
जब पूरी दुनिया कोरोना के कहर से बेहाल थी तब अन्य कंपनियां घाटे में चल रही थी, लेकिन टेक्नोलॉजी कंपनियों का रेवेन्यू दोगुना हो रहा था। एक वजह ये भी है कि पाक तकनीक के मामले में बहुत पिछड़ गया।
हमारा दुर्भाग्य है कि भारत से आगे नहीं बढ़ पाए
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने आगे कहा कि हमारे पास अभी भी आगे बढ़ने की आदर्श स्थितियां हैं। पाकिस्तान की 220 मिलियन की आबादी में 60% से ज्यादा की आवादी की उम्र 30 साल से कम है। यह युवा पीढ़ी देश को एज से विकास की और बढ़ा सकती है, लेकिन दुर्भाग्य से हम अपने पड़ोसी देश भारत से पीछड़ गए हैं।
चीन का भी नाम लिया
इमरान खान ने आगे बोला कि पाकिस्तान तब तक एक समृद्ध देश नहीं बन पाएगा जब तक कि हामारे पास पैसा नहीं आएगा। अब चीन को ही देख लीजिए। 40 साल पहले वे कहां थे और अब कहां है।
उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए दो काम किए। पहला देश के भ्रष्टाचार को समाप्त किया और मंत्री लेवल के 450 लोगों को जेल में डाला। दूसरा काम ये कि उसने देश को बढ़ाने और गरीबी से निकालने के लिए कड़े कदम उठाए। इस कड़ी में उसने अपने निर्यात पर फोकस किया। इसकी बदौलत वह आगे बढ़ सका।