12 लोग हैं परिवार में लेकिन मिला सिर्फ 1 वोट, हार के बाद प्रत्याशी चुनाव सेंटर पर ही रोने लगा
12 लोगों के परिवार में से मिला सिर्फ खुद का 1 ही वोट, गांव का सरपंच बनना चाहता था युवक
इस समय गुजरात राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव-2021 के परिणाम सामने आए है. इन परिणामों के सामने आने के बाद कई प्रत्याशियों के पैरों तले जमीन खिसका गई है. इसमें एक ग्राम पंचायत तो ऐसी है जहाँ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को अपने परिवार के लोगों ने ही धोखा दें दिया. उस प्रत्याशी के परिवार में 12 लोग थे. लेकिन उसे इस चुनाव के दौरान एक ही वोट मिला. वो वोट भी उसी का था. इस तरह मिली करारी हार के बाद वह खुद भी रोने लगा. वहीं इस घटना के समय मौजूद लोगों ने अपने दाँतों तले उंगलियां दबा लीं.
ऐसे रहे गुजरात के ग्राम पंचायत चुनाव परिणाम
जिस प्रत्याशी के परिवार में 12 लोग थे इसके बाद भी उसे सिर्फ एक ही वोट मिला. इस बात का पता चलने पर सोशल मीडिया यूजर्स उसके बारे में जानने की कोशिश करने लगे. एक बड़े न्यूज़ पोर्टल के मुताबिक उस प्रत्याशी का नाम संतोष हलपति है. यह छरवाला गांव का रहने वाला है. वह अपने गाँव का सरपंच (ग्राम प्रधान) बनने का सपना देख रहा था. युवा जोश में उसने चुनाव का पर्चा भर दिया.
उसके बाद उसने खुद का काफी प्रचार भी करवाया. इस दौरान गाँव में लोगों ने उसे वोट देने का आश्वासन भी दिया. इस वजह से उसे लगने लगा कि वहीं जीतेगा. हालांकि, जब वह मंगलवार को काउंटिंग सेंटर पर पहुंचा और रिजल्ट घोषित होने का इंतजार करने लगा..तो पता चला कि उसे मात्र एक वोट मिला..और वह वोट भी खुद का था.
परिणाम देखकर लोग भी हुए हैरान
इन परिणाम के सामने आने के बाद प्रत्याशी संतोष का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह काफी दुखी भी नज़र आ रहा है. ऐसे में एक ग्रामीण ने कहा कि, जब छरवाला गांव का चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो संतोष काउंटिंग सेंटर पर ही फफक कर रोने लगा. उसके इस तरह रोने से वहां काफी ज्यादा भीड़ एकत्र हो गई. ऐसे में लोगों ने उसे शांत करवाया और कहा कि हार-जीत तो लगी रहती है. हालांकि, गाँव के लोग इस बात से हैरान थे कि, उसे सिर्फ एक वोट प्राप्त हुआ.
बहुत देर तक रोता रहा संतोष
ऐसे में संतोष काउंटिंग सेंटर पर ही काफी देर तक रोता रहा. वहां मौजूद लोगों ने उन्हें समझा-बुझाकर उसके घर भेजा. उसका कहना था कि, ‘मेरे परिवार में 12 सदस्य हैं, लेकिन ये (चुनाव परिणाम) बता रहे हैं कि मुझे सिर्फ एक वोट प्राप्त हुआ है और वह भी खुद का’ उसने कहा, ‘अगर अपने ही परिवार के 12 वोट भी मुझे मिलते तो मुझे इतना दुख नहीं होता.’ अब संतोष शायद यह सोचकर खुद संतोष खुद को दिलासा दे सकते हैं कि अपनी जीत पर इतना गुमान मत कर ऐ गालिब, तेरी जीत से ज्यादा मेरी हार के चर्चे हैं.