Breaking news

निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ‘एक केस में बाइज्जत बरी’ दिल्ली कोर्ट ने सुनाया फैसला

उत्तरप्रदेश उन्नाव रेप आरोपी , भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पांच अन्य को सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ सड़क हादसा मामले में बरी कर दिया गया। दिल्ली की एक अदालत ने उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं पाया।

Kuldeep Singh Sengar

तथा अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने आदेश में कहा, “पीड़िता या उसके सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने की आपराधिक साजिश के संबंध में कुलदीप सिंह सिंगर को आरोपित करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। उसके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

Kuldeep Singh Sengar

“जबकि, कोर्ट ने ट्रक चालक समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया है। 28 जुलाई 2019 को रायबरेली में जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही दुष्कर्म पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस कार में सवार पीडि़ता की चाची, मौसी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।

Kuldeep Singh Sengar

इस घटना के तुरन्त बाद पीड़िता के चाचा ने भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 लोगो के खिलाफ मुक़दमा दर्ज़ कराया था । इस घटना की छानबीन कर रही CBI ने इसे महज़ एक दुर्घटना बताया था । इस घटना पर कोई सुबूत ना मिलने पर सीबीआई ने अपना बयान दिया था ।

दुर्घटना के संबंध में सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इससे पहले, उन्हें दिसंबर 2019 में उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया गया था और 25 लाख रुपये के जुर्माने के अलावा उन्हें जीवन भर कारावास की सजा सुनाई गई थी।

बता दें, 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म के एक अलग मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वह जेल में सजा काट रहे हैं।

Kuldeep Singh Sengar

इन लोगों के खिलाफ आरोप तय

इस मामले में सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी रविंद्र कुमार पांडेय के कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह को बरी करते हुए कहा कि इनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है, लेकिन कोर्ट ने आरोपित ट्रक चालक आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड

संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से वाहन चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत), धारा 338 (उतावलेपन में किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने) का आरोप तय किया है। वहीं आरोपित विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ धमकी देने का आरोप तय किया है।

Back to top button