जम्मू को 6 सीट और कश्मीर को 1 विधानसभा सीट का परिसीमन प्रस्ताव, मेहबूबा – उमर को लगी मिर्ची
सीटें बढ़तीं हैं तो 90 सीटें हो जाएंगे. इनमें से 43 सीटें जम्मू में और 47 सीटें कश्मीर घाटी में होंगी
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए परिसीमन आयोग ने अपना प्रस्ताव भेज दिया है । जम्मू और कश्मीर में डेलिमिटेशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है । बताया यह जा रहा है की परिसीमन आयोग ने जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 सीट बड़ाने का प्रस्ताव रखा है ।
सूत्रों की माने जम्मू कश्मीर में अगर सबकुछ ठीक रहा तो फिर मार्च 2022 के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. यह बात इसी कारण सामने निकल कर आ रही है क्योंकि जम्मू और कश्मीर की डीलिमिटेशन कमीशन की बैठक से इसी तरह से संकेत दिखाई दिए.
दिल्ली के अशोका होटल में हुई थी मीटिंग
कल दिनाक 20 दिसंबर को दिल्ली में डीलिमिटेशन कमीशन की बैठक हुई .यह मीटिंग दिल्ली में अशोका होटल में संपन हुआ । अच्छी बात ये है कि इस मीटिंग में जम्मू कश्मीर में पांचों सांसद मौजूद थे. यानी बीजेपी के सांसदों डॉ जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीनों सांसदों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी भी इसमें शामिल हुए.
ये सभी सांसद डीलिमिटेशन कमीशन के एसोसिएट मेंबर्स की हैसियत से मीटिंग में शामिल हुए थे । बैठक में जो बाते सामने आई उनके मुताबिक जम्मू कश्मीर के सीटों को बैलेंस करने की प्रक्रिया करीब करीब पूरा हो गया है ।
अब 90 विधानसभा सीट होगी
जम्मू कश्मीर में पहले 87 विधानसभा सीटें हुआ करते थी , जिसमे 4 सीट लद्दाख में थी. क्योंकि लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, इसलिए वहां कोई सीट नहीं होगी. इस तरह से जम्मू-कश्मीर में अब 83 सीट बचीं हैं. इसी कारण डीलिमिटेशन कमीशन ने अब 7 सीट बड़ाने का प्रस्ताव रखा है ।अगर सीटें बढ़तीं हैं तो 90 सीटें हो जाएंगे. इनमें से 43 सीटें जम्मू में और 47 सीटें कश्मीर घाटी में होंगी ।
महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ”इस डीलिमिटेशन कमीशन के बारे में उन्हें जो शक था वो गलत नहीं था.महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर निशाना साधाते हुए कहा है की पॉपुलेशन सेंसस को दरकिनार करते हुए कश्मीर के लोगों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहती है.
इसीलिए जम्मू के लिए 6 जबकि कश्मीर के लिए एक सीट प्रपोज की है.” महबूबा का आरोप है कि डीलिमिटेशन कमीशन सिर्फ बीजेपी के हितों को साधने के लिए तैयार किया गया जिससे लोगों को धर्म और क्षेत्र के नाम पर बांटा जा सके ।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
अमर अब्दुल्ला ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है की डीलिमिटेशन कमीशन ने बीजेपी के पॉलिटिकल एंजेडा को ग्रीन सिग्नल दे दिया. ये साइंटिफिक नहीं. पॉलिटिकल एप्रोच है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि डीलिमिटेशन कमीशन का प्रपोजल पार्टी को मंजूर नहीं ।
फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा
फारूक अब्दुल्ला ने परिसीमन आयोग के काम की तारीफ़ की है । फारूक अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस के नेता भी है । परिसीमन आयोग की बैठक में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया है।
बता दे की इससे पहले भी जम्मू कश्मीर विधानसभा की इन 24 सीटों को आरक्षित रखा जाता रहा है। परिसीमन आयोग ने प्रस्ताव पर 31 दिसंबर 2021 तक आपत्तियां मांगी हैं। इसके बाद असेंबली सीट्स का फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा।