देशभर में खाने के सभी तेल हुए सस्ते – भारत सरकार का अहम कदम
पिछले कुछ दिनों से खाने के तेल यानी एडिबल ऑयल की कीमतों में दिनों में कमी देखने को मिली है । दरअसल, आयात शुल्क में कमी के कारण खाने की तेल की कीमतों में पिछले एक महीने में 8-10 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है ।
एसईए के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा, पाम, सोया और सूरजमुखी जैसे सभी तेलों की बहुत ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण पिछले कुछ महीने भारतीय खाद्य तेल कंज्यूमर के लिए काफी परेशानी भरे रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक सामन्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल , सीपीओ , पोमिलिन सहित सभी तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद है । मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, Edible Oil और Oil seed के स्टॉक के लिए जल्दी ही नया पोर्टल (https://evegoils.nic.in/) लॉन्च किया जा रहा है.
इस पोर्टल पर 13 तरह के ऑयल और सीड का की जानकारी होगी. इस पोर्टल पर तिलहन की कीमतों और स्टॉक की डिटेल हरेक सप्ताह अपडेट होगी.सरकार के इस फैसले से जमाखोरों पर निगरानी रखी जा सकेगी.
सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 300 रुपये की गिरावट के साथ 8,500-8,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,800-8,825 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 550 रुपये घटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 16,600 रुपये क्विंटल रह गया।
वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमत 75-75 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,465-2,590 रुपये और 2,645-2,755 रुपये प्रति टिन रह गईं।
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 175-175 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,375-6,475 रुपये और 6,225-6,275 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
सोयाबीन की नई फसल की आवक बढ़ने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 170 रुपये, 250 रुपये और 140 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 12,780 रुपये, 12,450 रुपये और 11,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने पोर्टल लिए शुक्रवार को एक बड़ी बैठक की थी. इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स को पोर्टल के बारे में ट्रेनिंग दी गई और सारी प्रक्रिया से संबंधित जानकारी बताई गई. इसमें फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन डिपार्टमेंट के ज्वाइंट सेक्रेटरी के अलावा राज्यों के फूड सेक्रेटरी और फूड कमिश्नर शामिल हैं.
इस बैठक मेंखाद्य तेल प्रसंस्करण संघ के प्रतिनिधि भी मौजूद हुए . सबने अपनी बाते रखी और पोर्टल का लांच होने का रास्ता साफ हो गया है. यानि अगले सप्ताह इसे लांच किया जा सकता है. इससे आने वाले त्यौहारों में खाने वाले तेल को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी.