भारत चीन सीमा विवाद में चीन डरा भारत से, ले ली सोशल मीडिया की शरण!
बीजिंग: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन स्थिति और खराब होती जा रही है। इसे लेकर चीन भारत को लगातार धमकी भी दे रहा है। चीन की मीडिया भारत को लेकर काफी सख्त रुख दिखा रहा है। अब चीन भारत के रिएक्शन से डरकर सोशल मीडिया की शरण में जा चुका है। चाइनीज एम्बेसी प्रेस की तरफ से सोशल मीडिया पर सिक्किम को लेकर भारत के खिलाफ आग उगलता हुआ एक वीडियो अपलोड किया गया है।
चीन ने 1962 युद्ध का उदाहरण देकर धमकाया भारत को:
चीन लगातार भारत पर आरोप लगा रहा है कि भारतीय सैनिक चीनी सीमा में अतिक्रमण कर रहे हैं। चीन कह रहा है कि जहाँ वह सडक बनाना चाहता है, वह चीन की सीमा में आता है और हम वहाँ सड़क बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहा है। चीन ने भारत को धमकाते हुए कहा भारत 1962 की लड़ाई चीन से हार गया था, अब हम 1962 की तुलना में काफी मजबूत हैं। चीन ने मंगलवार को समझौते की किसी भी गुंजाइश से इनकार कर दिया था।
चीन ने रोक दी कैलाश मानसरोवर की यात्रा:
चीन ने कहा था कि भारत को ही चीन और भारत सीमा के विवाद का हल निकालना होगा। चीन ने कुटनीतिक कदम उठाते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा को रोक दिया है। यह मामला पिछली सभी घटनाओं से काफी अलग है। आपको बता दें भारत और चीन के बीच कुल 3500 किलोमीटर लम्बी सीमा रेखा है। सीमा विवाद के चलते ही इन दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध हो चुका है। युद्ध के बाद भी दोनों देशों के बीच सीमा का विवाद नहीं सुलझ सका।
भारतीय सैनिक कर रहे चीन का विरोध:
अलग-अलग हिस्सों को लेकर अक्सर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद होता रहता है। इस समय भारत-चीन के बीच सीमा विवाद भारत-भूटान और चीन सीमा के मिलान बिंदु की वजह से है। सिक्किम में भारतीय सीमा से सटे हुए डोकलाम पठार पर चीन सड़क बनाना चाहता है। भारतीय सैनिक चीन के इस कदम का जमकर विरोध कर रहे हैं। इस पठार का कुछ हिस्सा भूटान में भी पड़ता है, इस वजह से भूटान ने भी चीन का विरोध किया।
भूटान और चीन के बीच नहीं हैं राजनीतिक सम्बन्ध:
भूटान में इस पठार को डोक ला के नाम से जाना जाता है। चीन में इस पठार को डोकलांग पठार के नाम से। चीन और भूटान के बीच कोई राजनीतिक सम्बन्ध नहीं हैं। भूटान को जब भी जरुरत पड़ती है, भारत उसके सहयोग में होता है। इसी वजह से भारतीय सैनिकों ने चीन की इस कोशिश का विरोध किया। चीन को यह अच्छा नहीं लगा। भूटान और चीन के बीच इस पठार की वजह से काफी लम्बे समय से विवाद चल रहा है। भारत भूटान के समर्थ में है।