पीएम मोदी ने गंगा एक्सप्रेस-वे की रखी आधारशिला, मायावती से है इसका कनेक्शन, अब हो रही सियासत
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) आज उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर में करीब 600 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) के पहले चरण की आधारशिला रखने जा रहे है. विकास और आर्थिक संतुलन बनाने के लिए इस एक्सप्रेस-वे को काफी शानदार बनाया जा रहा है.
क्या है गंगा एक्सप्रेस-वे
आपको बता दें कि दिल्ली बॉर्डर से बलिया तक गंगा के किनारे 1020 किलोमीटर में यह एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का प्रस्ताव है. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 594 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा.
इसे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित किया जाना है. पूरी तरह से निर्माण होने के बाद यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा. यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा.
गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में 3.5 किलो मीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, जो वायु सेना के विमानों को आपातकालीन उड़ान भरने और उतरने में सहायता प्रदान करेगी. यह एक्सप्रेस-वे के साथ एक औद्योगिक गलियारा बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. एक्सप्रेस-वे पर ट्रॉमा सेंटर बनाने का भी प्रस्ताव है.
किन शहरों को जोड़ेगा ये गंगा एक्सप्रेस-वे
बनने वाला ये एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, उन्नाव, शाहजहांपुर, हरदोई, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर निकलेगा.
इस एक्सप्रेस-वे के लिए 518 ग्राम पंचायतों के 7368 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. पीएमओं की तरफ से अपने बयान में कहा है कि, इससे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.
इसका है मायावती से कनेक्शन
आपको बता दें कि, सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ही इस एक्सप्रेस-वे की कल्पना की थी. 2007 में अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार के दौरान मायावती ने ही 1047 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे की योजना बनाई थी. जो दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर बिहार के नजदीक बलिया तक प्रस्तावित की गई थी.
इस प्रोजेक्ट की कुछ गलतियों से सीख कर जनवरी 2019 में योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने का ऐलान किया. मगर यह गंगा नदी से 10 किलोमीटर दूर था.
इस वजह से हो रही इस पर सियासत
उत्तर प्रदेश और केंद्र पर काबिज पार्टी बीजेपी विधान सभा चुनावों से पहले जहां एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट, एम्स अस्पताल जैसे कई बड़ी परियाजनाओं का ताबड़तोड़ शिलान्यास, आधारशिला और उद्घाटन कर रही है वही दूसरी और समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यह आरोप लगाते रहे हैं कि बीजेपी की सरकार पुरानी सरकारों की योजनाओं का ही फीता काटने में लगी है.
गौरतलब है कि, गंगा एक्सप्रेस-वे पर भी अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, यह परियोजना मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट थी. योगी आदित्यनाथ या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नहीं. एक तरह से ये बात सही है कि वह कुछ कारणों की वजह से अदालतों में रुका हुआ था.
जोकि अब जाकर क्लियर हुआ है. पीएम मोदी आज उसी की आधारशिला रखने जा रहे है. दरअसल, चुनावों से पहले विकास का श्रेय हर पार्टी अपने खाते में दर्ज कराना चाहती है, इसी वजह से इस पर राजनीति गर्मा रही है.