लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ने पर अबू आज़मी के बिगड़े बोल, कहा – जिनके बच्चें नहीं वे ला रहें ..
महाराष्ट्र से सपा पार्टी के नेता अबू आज़मी अक़्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। जी हां आए दिन वह कोई न कोई ऐसा बयान दे जाते हैं। जो सुर्खियां बन जाती है। गौरतलब हो कि अभी केंद्र सरकार ने देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
शादी के लिए लड़कियों की उम्र बढ़ाए जाने के फैसले पर अब टिप्पणी करते हुए सपा नेता अबू आजमी ने एक विवादास्पद बयान दिया है और उन्होंने कहा है कि जिनके बच्चे नहीं हैं वे ही ऐसा कानून लेकर आएं हैं।
गौरतलब हो इतना ही नहीं लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाएं जाने के प्रस्ताव को अबू आजमी ने जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश से जोड़ दिया है और उनका बयान जिनके बच्चें नहीं वे कानून ला रहें हैं। कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर था, लेकिन उन्होंने बयान देते हुए साफ़गोई से किसी के नाम का उपयोग नहीं किया।
बता दें कि एक ख़बरिया चैनल से बातचीत के दौरान शादी के लिए लड़की की उम्र बढ़ाए जाने के फैसले पर सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि, “कानून बनाने में उनकी राय लेनी चाहिए जो लड़की-लड़के के बाप हैं।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई नियम बनाने की जरुरत नहीं है ये घरवालों के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि कब अपनी लड़की या लड़के की शादी करनी है।
#BREAKING
‘जिनके बच्चे नहीं वो ऐसा क़ानून लाए’, लड़कियों की शादी की उम्र 21 किए जाने पर अबु आज़मी का विवादास्पद बयान#DankeKiChotPar @AmanChopra_ pic.twitter.com/rRNZZzN8J9— News18 India (@News18India) December 16, 2021
इतना ही नही अबू आजमी ने यह भी कहा कि मां बाप अपने बच्चे के बारे में अच्छे से जानते हैं। इसलिए यह उनके ऊपर छोड़ देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आप यह कानून बनाइए और इंतजार कीजिए कि जितने आदिवासी या एससी और एसटी लोग हैं जिनमें बचपन में शादी करने का रिवाज है। उनपर मुक़दमे दायर कीजिए और जेल में ज्यादा से ज्यादा लोगों को डाल दीजिए।
वैसे अब बात सरकार की करें तो कहीं न कहीं सरकार और उसके द्वारा गठित कमेटी कुछ सोच-समझकर यह कानून लाने की बात कर रही होगी, लेकिन अबू आजमी ने कहीं न कहीं देश के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति यानी प्रधानमंत्री की तरफ अंगुली खड़ी करके उनके छवि को नुकसान पहुँचाने का कार्य किया है, क्योंकि कोई भी फैसला सिर्फ़ एक व्यक्ति का नहीं होता, शायद इसकी अबू आजमी को समझ नहीं।
वहीं आख़िर में बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से महिलाओं की विवाह की उम्र मौजूदा 18 से बढाकर 21 वर्ष करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
वहीं प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि महिलाओं में कुपोषण की समस्या को देखते हुए सरकार इस योजना पर काम कर रही है कि उनका विवाह सही उम्र में हो और इसके लिए महिलाओं की विवाह की उम्र बढाने के लिए सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन करना होगा और इसके लिए संसद में विधेयक लाया जायेगा। वहीं मालूम हो कि अभी देश में पुरूषों की विवाह की उम्र 21 वर्ष जबकि महिलाओं के विवाह की उम्र 18 वर्ष है।