उत्तर प्रदेश में में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी हलचल बढ़ती जा रही है। कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ गए थे। वहाँ उन्होंने संसदीय क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उनके साथ इस यात्रा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिखे। वहीं अखिलेश यादव भी पीएम मोदी के दो दिवसीय दौरे को लेकर सुर्खियों में रहे।
भाजपा नेताओं ने कहा कि अखिलेश ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है। इस पर अखिलेश ने अपनी सफाई में बोल कि वे योगी सरकार के खात्मे की बात कर रहे थे।
क्या ताज महल का नाम बदल देंगे योगी?
इस सियासी तू तू-मैं मैं के बीच योगी आदित्यनाथ का ‘इंडिया टीवी’ को दिया एक पुराना इंटरव्यू बड़ा वायरल हो रहा है। इसमें योगी से पूछा गया था कि “यदि आप विदेशी नामों को बदलने की सोच रखते हैं तो क्या ताज महल का नाम बदलकर राम महल भी कर देंगे?” इस पर योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा था –
यदि किसी विदेशी आक्रांताओं ने किसी किसी काल खंड में ऐसा काम किया है तो उस चीज का फौरन बदला जाना चाहिए। यह देश की सांस्कृतिक आजादी की लड़ाई भी है। भारत की पहचान जिन चीजों से होती है, उसी पर ऐतिहासिक स्थलों के नाम भी रखे जाने चाहिए। अब बात ताज महल की है तो हम उसका नाम राम महल क्यों नहीं करेंगे? यदि जरूरत हुई तो उसका भी नया नामकरण किया जाएगा। ताज महल सच में शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था या नहीं, ये भी एक जांच का विषय है।
देशहीत के लिए कदम उठाना जरूरी
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात समझाते हुए आगे कहा था “ऐसी कोई विरासत नहीं है जो हमें इस तरह के नाम दे गई। यदि कोई चीज देशहीत में होगी तो हम वह कदम जरूर उठाएंगे। इन कदमों को उठाते वक्त हमे जरा भी सोचना नहीं चाहिए। यदि गोरखपुर आएं तो देखेंगे कि यदि कोई मुस्लिम पीड़ित होता है तो वह सीधा हमारे पास आता है। अखिलेश सरकार से पीड़ित शख्स भी हमारे पास ही आता है। मैं जनता के लिए वक्त निकालता हूं।”
किसानों की कर्ज माफी पर ये कहा
किसानों का कर्ज किस तरह माफ किया जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा था “हमने बहुत सी चीजों को बैलेंस किया था। लास्ट गोवर्नमेंट जिन चीजों पर अधिक खर्च करती थी, हमने उन पर लोग लगा दी है। पहले मंत्री एवं अधिकारी विदेश घूमने जाया करते थे, लेकिन हमने इस पर भी रोक लगाई है। हमने उनसे कहा कि आप अपने-अपने क्षेत्र में जाएं और वहाँ की समस्याओं को दूर करने की दिशा में काम करें।”
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ बीते कुछ सालों में कई स्थलों के नाम बदल चुके हैं। ऐसे में आपको क्या लगता है ताज महल का नाम भी बदला जाना चाहिए?