शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके थे कैप्टन वरुण सिंह, फैमिली भी जुड़ी है तीनों सेनाओं से
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने बहादुरी से एक बार दिया था मौत को चकमा, फिर मिला था शौर्य चक्र
बीते दिनों सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सीडीएस और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इस घटना में वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बच गए थे, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन, लंबे इलाज के बाद वो जिंदगी की जंग हार गए। जी हाँ और उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली
बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अपनी बहादुरी की वजह से भी पहले भी चर्चा में रहे थे और उन्हें इस वीरता के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया था।
गौरतलब हो कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान 2020 में एक हवाई आपातकाल के दौरान अपने एलसीए (LCA) तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए दिया गया था और उस समय वे वायु सेना में विंग कमांडर के तौर पर सेवा दे रहे थे। उस दिन उन्होंने असाधारण वीरता का परिचय दिया था, जिसके बाद उन्हें इससे सम्मानित किया गया था। लेकिन अब जाकर यह वीर जवान जिंदगी की जंग हार गया। ऐसे में आइए जानते हैं इनके जीवन से जुडी कुछ बातें…
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ( Captain Varun Singh ) ने भी दुनिया को अलविदा कर दिया। गौरतलब हो कि 8 दिसंबर को कुन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था और इस हादसे में बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों का निधन हो गया था। वहीं इस हादसे में अकेले जीवित बचें वरुण सिंह का बीते दिनों से ईलाज चल रहा था, लेकिन अब वे भी जिंदगी की जंग हार गए।
मालूम हो कि बीते एक हफ्ते से उनका बेंगलुरु के अस्पताल में ईलाज चल रहा था और अब भारतीय एयरफोर्स ने ट्वीट कर उनके मौत की जानकारी दी। वहीं एक विशेष बात जो वरुण और उनके परिवार से जुडी हुई है वह ये कि उनका पूरा परिवार देश सेवा से जुड़ा है।
इसी वर्ष शौर्य चक्र से सम्मानित हुए थे वरुण…
बता दें कि वरुण सिंह एक आर्मी फैमिली से ताल्लुक रखते थे। उनका परिवार दो पीढ़ी से देश की सेवा में लगा हुआ था। ये उनकी देशभक्ति और साहस का ही नतीजा था कि उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं उनके सैन्य कार्यों के लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
घर से सीखा था वरुण ने देश भक्ति का जज्बा…
मालूम हो कि तमिलनाडु के हेलिकॉप्टर क्रैश में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी एक हफ्ते तक वरुण सिंह जिंदगी से जंग लड़ते रहे। ऐसे में यह तो सच हैं कि वो एक सच्चे यौद्धा थे और यौद्धा बनने के गुण उन्हें परिवार से ही विरासत में मिले।
तीनों सेनाओं से जुड़ी है इनकी फैमिली…
बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है, जिसमे जल, थल और नभ तीनो शामिल है। वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से हैं, जबकि उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। इसके अलावा कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं।
दो बच्चों को अपने पीछे छोड़ गए वरुण…
वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह दो बच्चों के पिता था। बड़ा बेटा जिसका नाम रिद रिमन है जबकि बेटी छोटी है जिसका नाम आराध्या है। वरुण सिंह की पत्नी का नाम गीतांजलि सिंह है। जब भी वरुण को ड्यूटी से वक्त मिलता वो परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते थे और उन्हें लेकर रेस्त्रां में जाना या फिर किसी पर्यटन स्थल पर घूमना उन्हें बेहद पसंद था।
वहीं आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि वरुण सिंह हादसे के बाद भी होश में थे और उन्हें हादसे के बाद ईलाज के लिए वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया था। जिसके बाद चेन्नई से स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाकर उनका ऑपरेशन किया गया था। लेकिन सर्जरी से जाने से पहले वरुण ने अपनी पत्नी से बात करने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि उस वक्त ऑपरेशन जरूरी था सो उनसे बात नहीं हो पाई थी।
इस अदम्य साहस के लिए मिला था शौर्य सम्मान…
वहीं आखिर में बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी वर्ष गालंट्री अवॉर्ड मिला था और उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। मालूम हो कि उन्हें यह सम्मान 2020 में एक हवाई आपातकाल के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए दिया गया था और वरुण ने उस दरमियान 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराते समय धैर्य नहीं खोया था।