जनरल रावत ने पत्नी की ये ख्वाहिश ना पूरी की होती तो बेटियों से नहीं छिनता मां का साया
जनरल रावत और उनकी पत्नी ऐसे साथ गए कि, बेटियां सिर्फ कहती रह गई कल तो वापस आना था
बीते दिनों हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गईं। जी हां वेलिंग्टन में आर्म्ड फोर्सेज का कॉलेज है। जहां सीडीएस रावत का लेक्चर था और उसी दरमियान हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। ऐसे में अब यही शब्द सबके मुँह से निकल रहा कि, काश! यह शिकवा, शिकवा ही रह जाता फर्स्ट लेडी का। जी हां फर्स्ट लेडी यानी जनरल बिपिन रावत की अर्धांगिनी मधुलिका रावत।
मालूम हो कि कई बार ऊपर वाले का लिखा न कोई समझ पाता है और न ही उसे पढा जाता है। बता दें कि मधुलिका रावत की सबसे बड़ी शिकायत यही थी कि वे इनटाइटल हैं, फिर भी जनरल बिपिन रावत उन्हें कहीं भी साथ लेकर नहीं जाते। वहीं जिंदगी की अगर उनकी यही शिकायत आख़िरी तक बनी रहती तो कहीं न कहीं आज जनरल रावत की दोनों बेटियों के सिर से माता-पिता का साया नहीं छिनता। आइए ऐसे में जानते हैं ये पूरी कहानी…
गौरतलब हो कि सात फेरों के साथ, सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम उन्होंने जो खाई थी। उसे मरते मरते भी मधुलिका रावत ने पूरा किया। ऐसे में यह कह सकते कि शिष्टा के इस दुष्चक्र का राज कौन बता सकता है, लेकिन राज की बात यह है कि जनरल बिपिन रावत की पोस्टिंग लगातार ऐसी रही कि उनके पास परिवार के लिए समय बचा ही नहीं।
वे अफसर थे, लेकिन जनरल बिपिन रावत अपने से नीचे के अफसरों ही नहीं बल्कि नॉन -कमीशन्ड अधिकारियों और जवानों के मुद्दे पर भी बेहद संवेदनशील थे। पहले तो बिपिन रावत के लिए देश की सरहद की सुरक्षा अहम थी। इसके अलावा देश के अंदर पनपे दुश्मनों को लेकर भी वह पूरी तरीके से सतर्क रहते थे। किसी संवेदनशील या सामरिक दृष्टि से अहम दौरे पर वो अधिकृत होने के बावजूद सेना में फर्स्ट लेडी का दर्जा प्राप्त अपनी पत्नी मधुलिका के साथ नही जाते थे।
इतना ही नहीं जब कोई गेट टू गेदर या पार्टी होती तो मधुलिका रावत शिकायत भी करती थी और मुस्कुराते हुए अक़्सर कहती भी थी कि, “जनरल साहब! मुझे दौरों पर लेकर ही नहीं जाते।” हालांकि वह फर्स्ट लेडी होने के कारण सैन्य अफसरों और उनके परिवार के कल्याण के लिए और स्वरोजगार योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम करती थी। इसके अलावा वह सैनिकों के विधवा महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष काम करती थी।
वहीं इस बार जनरल बिपिन रावत एक लेक्चर के लिए जा रहे थे और वहां पर जनरल बिपिन रावत की पत्नी को सैन्य अधिकारियों की पत्नी और वहां चलने वाली वेलफेयर स्कीमों का जायजा लेना था तो दोनों साथ गए। लेकिन वो ऐसा साथ गईं की दोनों वापस लौटकर आ ही नही पाएं और अब ऐसे में दोनों बेटियां सिर्फ इतना ही कह रही कि उन्हें कल ही तो वापस आना था!