पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीते लंबे समय से अग्रेसिव सोच के साथ राजनीति में बढ़ रही और वह अपने आपको कहीं न कहीं केंद्र की राजनीति में फिट करना चाहती और जिसके लिए वह लगातार ज़मीन तलाश रही हैं। जी हां जिस प्रकार से लगातार वह देश के विभिन्न हिस्सों में दौरे कर रहीं। ऐसे में उनका निहितार्थ साफ़ स्पष्ट है, कि वह राष्ट्रीय फ़लक की राजनीति पर नजऱ गड़ाए हुए हैं और इसी फ़लसफ़े के अंतर्गत वह मंगलवार को गोवा भी पहुँची।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी मंगलवार को गोवा पहुंची और भाजपा को खत्म करने के लिए सभी को जुटने का आह्वान किया। गौरतलब हो कि उन्होंने कहा कि, “हम चाहते हैं कि गोवा में बीजेपी का अंत हो। गोवा में बीजेपी को हराने के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है। मैं आपका मुकाबला करने नहीं आई, मैं नहीं चाहती कि बाहरी लोग गोवा को नियंत्रित करें… मैं भी एक ब्राह्मण परिवार से हूं, मैं एक ब्राह्मण हूं। मुझे भाजपा से चरित्र प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।”
इतना ही नहीं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि गोवा, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे जिन राज्यों में 2022 की शुरुआत में चुनाव होने है, वहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘सूर्यास्त शुरू हो गया’ है और यह चलन पूरे देश में दिखाई देगा। वहीं इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस को भगवा संगठन को लेकर बड़े-बड़े दावे करने के बजाय भाजपा के खिलाफ सही तरीके से लड़ना चाहिए।
बता दें कि ममता बनर्जी गोवा एक जनसभा को संबोधित करने पहुँची थी। जहां उन्होंने ये बात रखी। वहीं इस जनसभा में गोवा में आगामी चुनाव के लिए तृणमूल और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी की गई। मालूम हो कि एमजीपी राज्य का सबसे पुराना क्षेत्रीय संगठन है। उन्होंने गोवा के अपने दौरे के दूसरे दिन यहां कहा कि, ‘‘आपको गोवा की रक्षा करने के लिए काम करना होगा। गोवा भारत है, यह मत सोचिए कि गोवा बहुत छोटा है। सूर्योदय गोवा में होता है। जब गोवा मुस्कुराता है, तो भारत मुस्कुराता है।’’
वहीं ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, ‘‘गोवा में सूर्यास्त भी होता है। भाजपा का सूर्यास्त गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब से शुरू हुआ है… यह पूरे भारत में होगा। उन्होंने लोगों को बहुत ठगा है।’’ इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा को भाजपा से ‘‘बचाने’’ के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए, भले ही वे किसी भी धर्म या समुदाय से संबंध रखते हों। उन्होंने कहा कि, ‘‘गोवा को आपदा से बचाइए…. यह मेरा नारा है।’’
वहीं इस दौरान ममता ने कहा कि तृणमूल और एमजीपी मिलकर काम करेंगी और आगामी चुनाव को जीतने से इस गठबंधन को कोई नहीं रोक सकता। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के बारे में कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व वाला दल भाजपा से निपटने के केवल बड़े-बड़े दावे करता है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि, ‘‘कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने के बड़े दावे करती है।
पूरे देश में, आप अकेले लड़े। आप इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल चुनाव में हमारे खिलाफ भी लड़े। कम से कम भाजपा के खिलाफ लड़िए और उसके बाद बड़े बयान दीजिए। मैं कांग्रेस में भी थी, लेकिन मैंने इसे छोड़ा क्योंकि मैंने आपको (कांग्रेस को) भाजपा के साथ मित्रता करते देखा।’’
ऐसे में अब कहीं न कहीं एक बात तो स्पष्ट हो रही है कि जिस विपक्षी एकता का दम्भ कांग्रेस समेत ममता बनर्जी भरती नजर आ रही थी। उसकी हवाइयाँ भी यही निकाल रहें। बीते दिनों ममता की पार्टी में कितनी बड़ी संख्या में कांग्रेसी और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। उससे सभी वाक़िफ़।
ऐसे में आख़िर में एक बात इतनी ही कि गोवा और बाकी राज्यों के चुनाव में क्या होगा। यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन ऐसी स्थिति रही तो कहीं बिल्ली और बंदर वाली कहानी 2024 में इन दलों के लिए न हो जाएं, ये अपने आपमें बड़ी बात है।