बैंक लॉकर यूज करने वालों के लिए है बड़ी ख़बर, बैंक ने उठाया यह क़दम। जानिए…
आज के समय में लोग अपने महंगे आभूषण और अन्य कीमती सामान घर में रखने से कतराते हैं। जी हां इसके पीछे का अपना कारण भी है। गौरतलब हो कि समाज में चोरी की बढ़ती वारदातों की वज़ह से लोग अपने आभूषण और अन्य कीमती सामान बैंक लॉकर (Bank Locker) में ही रखना पसंद करते है। ताकि उनके सामान भी सुरक्षित रहें और वे भयमुक्त रह सकें, लेकिन अब आपकी इस ख़ास सुविधा पर भी ग्रहण लग सकता है। तो आइए जानते हैं कि आख़िर क्या है पूरा मामला…
बता दें कि बैंक लॉकर को लेकर बैंक समय-समय पर अपने नियमों में बदलाव करती रहती है। ऐसे में इसी के तहत अब बैंक ने नए नियम को अपनाने की बात कही है। गौरतलब हो कि आरबीआई के नियम के अनुसार, अब एक लंबी अवधि तक आपने लॉकर को नहीं खोला तो बैंक आपका लॉकर तोड़ सकता है।
क्या है बैंक के लिए नए दिशानिर्देश, जानिए…
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का सेफ डिपॉजिट लॉकर के संबंध में संशोधित दिशानिर्देश जारी किया गया है। जी हां इस नए दिशानिर्देश में बैंकों को लॉकर खोलने की अनुमति दी गई है। मालूम रहें कि अगर आपने अपने लॉकर को लंबे समय तक नहीं खोला है और भले ही किराए का नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा हो, तो ऐसे लॉकर को बैंक अब इस आदेश के अनुसार तोड़ सकती है।
गौरतलब हो कि बैंकिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न विकास, उपभोक्ता शिकायतों की प्रकृति, बैंकों और भारतीय बैंक संघ (Indian Banks’ Association) से प्राप्त प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई (RBI) ने हाल ही में सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में अपने दिशानिर्देशों में संशोधन किया और निष्क्रिय बैंक लॉकरों के संबंध में बैंकों को नए निर्देश भी दिए।
बैंक तोड़ सकता है लॉकर…
जी हां आप सही पढ़ रहे हैं। अब आरबीआई (RBI) के संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बैंक लॉकर को तोड़ने और लॉकर की सामग्री को अपने नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करने या पारदर्शी तरीके से वस्तुओं का निपटान करने के लिए स्वतंत्र होगा।
वहीं अगर यह 7 साल की अवधि के लिए निष्क्रिय रहता है और नियमित रूप से किराए का भुगतान करने पर भी लॉकर-किराएदार का पता नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन साथ ही जनहित की रक्षा करते हुए केंद्रीय बैंक ने विस्तृत निर्देश भी जारी किए कि किसी भी लॉकर को तोड़ने से पहले नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
लॉकर लेने वाले को अलर्ट करेगा बैंक…
वहीं आरबीआई के दिशानिर्देशों में बताया गया है कि बैंक लॉकर-किराए पर लेने वाले को एक पत्र के माध्यम से नोटिस दिया जाएगा और पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल फोन नंबर पर ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा।
इसके अलावा अगर पत्र बिना डिलीवरी के रिटर्न हो जाता है या लॉकर हायरर पर लेने वाले का पता नहीं चलता है, तो बैंक लॉकर हायरर या किसी अन्य व्यक्ति को जो लॉकर की सामग्री में रुचि रखता है, को जवाब देने के लिए उचित समय देते हुए दो समाचार पत्रों एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया जाएगा।
वहीं आख़िर में बता दें कि केंद्रीय बैंक के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बैंक के एक अधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में लॉकर को खोला जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए। वहीं आरबीआई ने आगे कहा कि लॉकर को खोलने के बाद, सामग्री को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाएगा, जिसमें विस्तृत इन्वेंट्री के साथ एक फायरप्रूफ तिजोरी के अंदर एक टैम्पर प्रूफ तरीके से ग्राहक द्वारा दावा किए जाने तक रखा जाएगा।