ओवैसी ने की मुस्लिम युवकों से अजीबोगरीब अपील, कहा बैचलर मत रहना, बैचलर करते हैं बहुत परेशान
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अक़्सर सुर्खियों में रहते हैं। जी हां कभी वह अपने बयानों की वज़ह से चर्चा में रहते हैं, तो कभी किसी अन्य वज़ह से। वहीं बीते दिन शनिवार को वह मुंबई में एक रैली को संबोधित करने पहुँचें। जहां उन्होंने कुछ ऐसा सवाल कुँवारे लड़कों से कर लिया। जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गौरतलब हो कि ओवैसी ने युवाओं से कहा कि, “शादी करेंगे ना, बैचलर (कुंवारा) मत रहना, बैचलर बहुत परेशान कर रहे हैं, घर में रहे (पत्नी) तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है।”
बता दें कि ओवैसी मुस्लिम युवाओं से यह पूछ रहे थे कि क्या वे अपने बच्चों को अनपढ़ और गरीब ही रखना चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि, “जो युवा अभी 18-19 साल के हैं, जल्द ही उनकी शादी होगी, उनके बच्चे होंगे।” इसके आगे उन्होंने युवाओं से पूछा कि, “शादी करोगे न? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उनके अधिकार न मिलें?’
इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा कि, ‘शादी करोगे न? बैचलर मत रहना। बैचलर बहुत परेशान कर रहे हैं। घर में रहे तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है।” वहीं इस रैली में ओवैसी ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर शिवसेना और एनसीपी पर जमकर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार गंभीर नहीं है।
वहीं ओवैसी ने कहा कि वह संविधान में प्रतिष्ठापित धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि ,‘‘मुस्लिमों को धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला? हमें रोजगार और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिला। निर्णय लेने की प्रक्रिया में हमारी हिस्सेदारी नहीं है…अधिकार नहीं है।’’ ओवैसी ने इसके साथ ही कहा कि धर्मनिरपेक्ष शब्द से मुस्लिमों का नुकसान हुआ है।
वहीं आख़िर में बता दें कि रैली के दौरान ओवैसी ने महाराष्ट्र के मुस्लिमों से आग्रह किया कि वे वोट डालने से पहले शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर जरूर सोचें। उन्होंने कहा कि, “महाराष्ट्र में 4.9 प्रतिशत मुस्लिम ग्रैजुएट हैं, 22 प्रतिशत प्राइमरी स्कूल में है और 13 प्रतिशत सेकंडरी स्कूल में। इसके अलावा 11 फीसदी कॉलेज में हैं। मुस्लिम पढ़ना चाहते हैं लेकिन फीस न होने की वजह से पढ़ नहीं पा रहे। जबकि आरएसएस झूठ बोलता है कि मुस्लिम पढ़ना नहीं चाहते।”