हेलीकॉप्टर क्रैश में जिंदा बचे कैप्टन वरुण सिंह का खत हुआ वायरल। बच्चों को दी यह सलाह…
जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे कैप्टन वरुण की चिट्ठी हुई वायरल। बच्चों को दी ये जरूरी सलाह...
बीते दिनों तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कुन्नूर के पास नीलगिरि की पहाड़ियों में वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त (Helicopter Crash) हो गया। जी हां इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई।
वहीं हेलीकॉप्टर में क्रू सदस्यों सहित कुल 14 सदस्य सवार थे और इस दुर्घटना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) इकलौते शख्स हैं, जिनकी जान बच पाई है। हालांकि, अभी वो भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
वहीं इसी बीच ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जो उन्होंने इसी साल सितंबर में अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखा था। जी हां बता दें कि उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा था कि, “औसत दर्जे का होना ठीक होता है।” आइए ऐसे में जानते हैं पूरी कहानी…
बता दें कि बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई और इस हादसे में मात्र एक बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की स्थिति भी काफी नाज़ुक बनी हुई है। मालूम हो कि पहले उनका इलाज वेलिंगटन के अस्पताल में चल रहा था लेकिन उन्हें अब बेंगलुरु स्थित कमांड हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया है।
जहां उनकी जान बचाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहें हैं। लेकिन इसी बीच अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखा गया उनका एक पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और यह पत्र पढ़ने लायक है जिसमें उन्होंने लिखा है कि नंबर किसी की तक़दीर तय नहीं करता।
गौरतलब हो कि हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने लिखा कि, “औसत दर्जे का होना ठीक है। इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि हर कोई स्कूल में उत्कृष्ट नहीं हो सकता और हर कोई 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर भी नहीं प्राप्त कर सकता है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यदि आप करते हैं तो यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना भी की जानी चाहिए। लेकिन यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह नहीं सोचना चाहिए कि आप औसत दर्जे के हैं।”
इतना ही नहीं उन्होंने आगे लिखा कि आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं लेकिन यह किसी भी तरह से जीवन में आगे आने वाली चीजों का पैमाना नहीं है। वहीं आप यह खोजने की कोशिश करें कि आप किसमें अच्छे हैं, यह कला, संगीत, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य जैसा कुछ भी हो सकता है। आप जो भी काम करते हैं, उसके प्रति समर्पित रहें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें। कभी भी यह सोचकर सोने मत जाएं कि मैं अमुक चीजों में थोड़ा और प्रयास कर सकता था।
Group Captain #VarunSingh का ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है , जो उन्होंने शौर्य चक्र मिलने के बाद क़रीब तीन महीने पहले अपने स्कूल की प्रिंसिपल को लिखा था।
ये पत्र हर बच्चे को, हर छात्र को पढ़ना चाहिए।
ख़ासतौर पर पत्र का 12-13 पैरा। pic.twitter.com/a67WRRyLfo— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 9, 2021
इसके अलावा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि कभी भी उम्मीद नहीं खोनी चाहिए, साथ में यह भी कभी न सोचें कि आप जो बनना चाहते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हो सकते। यह आसान नहीं होगा और इसके लिए प्रयास करना होगा। इसके लिए समय और आराम का बलिदान देना होगा।
मैं औसत दर्जे का था लेकिन आज मैं अपने करियर में कठिन मील के पत्थर तक पहुंच गया हूं। ऐसा मत सोचो कि 12वीं बोर्ड के अंक तय करते हैं कि आप जीवन में क्या हासिल करने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास करो और इसके लिए काम करो।
वहीं आख़िर में बता दें कि तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल अगस्त में भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्रदान किया गया था और वरुण सिंह को करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर हुए इमरजेंसी से निपटने के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वहीं मालूम हो कि 12 अक्टूबर 2020 को तेजस के कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी आ गई थी। लेकिन तेजस के कैप्टन वरुण सिंह ने इस स्थिति में भी संयम बनाए रखा और अपनी असाधारण फ्लाइंग कौशल से विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई थी।