सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा का एक सपूत भी हुआ शहीद। परिवार का इकलौता बेटा था पृथ्वी…
क्रैश के वक्त हेलिकॉप्टर की कमान संभाले थे कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, परिवार ने खोया अपना इकलौता चिराग़।
आगरा (यूपी)! तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के एमआई-17 (MI-17) हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की वजह से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत कुल 13 लोगों का निधन हो गया। जी हां जिस हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से यह हादसा हुआ, उसे आगरा के रहने वाले वायुसेना के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे। ऐसे में अब पूरा देश शोक में डूबा है। लेकिन आगरावासियों का दुख भी काफ़ी गहरा है।
गौरतलब हो कि हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल पृथ्वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं और पृथ्वी सिंह इसी हेलिकॉप्टर के पायलट थे। वहीं बता दें कि पृथ्वी सिंह के युद्ध कौशल की वायुसेना भी कायल थी। इतना ही नहीं पृथ्वी सिंह ने जबसे सूडान में विशेष ट्रेनिंग ली थी। उनकी गिनती वायुसेना के जांबाज लड़ाकू पायलट्स में होती थी।
बता दें कि इस हादसे में आगरा के लाल विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की भी मौत हो गई। जिसके बाद अब उनका परिवार भी शोक में डूबा है। गौरतलब हो कि हेलिकॉप्टर के क्रैश करने की खबर के बाद से ही आगरा स्थित उनके घर पर रिश्तेदार और नातेदारों का जमावड़ा लगा हुआ और लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहें हैं।
चार बहनों के बीच इकलौते भाई थे पृथ्वी…
बता दें कि विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का घर न्यू-आगरा इलाके में पड़ता है, जहां खबर फैलने के बाद धीरे-धीरे उनके घर पर भीड़ जुटने लगी। हादसे के बाद आगरा के ACM कृष्णानंद तिवारी और पुलिस अधिकारी भी विंग कमांडर के घर पहुंचे और पृथ्वी की बहन ने बिलखते हुए बताया कि वो हम 4 बहनों का इकलौता भाई था और चारों की जान उसमें बसती थी लेकिन अब वह हमें छोड़कर चला गया है।
बेटे के बारे में बात करते हुए पिता की भर आईं आंखे…
वहीं बता दें कि शहीद पृथ्वी सिंह चौहान के बारे में बात करते हुए उनके पिता सुरेंद्र सिंह की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि पृथ्वी वर्तमान में 42 साल के थे और चार बहनों में सबसे छोटे भाई थे। बड़ी बहन शकुंतला, दूसरी मीना, गीता और नीता। पृथ्वी ने छठवीं कक्षा में सैनिक स्कूल रीवा में दाखिला लिया। वहीं से एनडीए में सलेक्ट हो गए। जिसके बाद 2000 में भारतीय वायुसेना में ज्वाइनिंग हुई। वर्तमान में विंग कमांडर थे और कोयम्बटूर के पास एयरफोर्स स्टेशन पर उनकी तैनाती थी।
ऐसे घर वालों को बेटे की मिली जानकारी…
मालूम हो कि मुंबई में रह रही सबसे बड़ी बेटी शकुंतला ने टीवी पर खबर देखकर पृथ्वी की पत्नी कामिनी को फोन किया। उसके बाद परिजनों को बेटे की खबर मिली। वहीं सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 42 वर्षीय पृथ्वी अपनी बहनों में सबसे छोटा था।
एक जांबाज पायलट थे पृथ्वी सिंह…
बात पृथ्वी सिंह चौहान के कारनामों की करें तो जैसा उनका भारीभरकम नाम था, वैसी ही प्रवृत्ति के पृथ्वी सिंह कुछ थे भी। अपने कौशल से दुश्मन के लड़ाकू विमानों को चकमा देने वाले पृथ्वी हेलिकॉप्टर में आई तकनीकी खामी से शहीद हो गए।
एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग हैदराबाद हुई थी। इसके बाद वे गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्य एयरफोर्स स्टेशन्स पर तैनात रहे और उन्हें एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था।
वृंदावन में हुई थी शादी…
बता दें कि पृथ्वी का विवाह साल 2007 में वृंदावन निवासी कामिनी से हुआ। उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी आराध्या 12 वर्ष और अविराज नौ वर्ष का पुत्र है। वे परिवार के साथ वायु सेना परिसर में रह रहे थे। पिता सुरेंद्र सिंह व मां सुशीला देवी सरन नगर स्थित घर में हैं।