कौन-कौन है जनरल बिपिन रावत के परिवार में, बेटियों को देना पड़ेगी माता-पिता की चिता को आग
बुधवार का दिन भारत के लिए काफी बुरा रहा. भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत समेत 13 अन्य लोगों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई. इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत और सेना के कई बड़े अधिकारी जान गवां चुके है. बता दें कि वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके बाद सभी घायलों को अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
इस हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे. हेलिकॉप्टर में सवार ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज अस्पताल में जारी है. उनकी हालत भी काफी गंभीर बताई जा रही है.
सीडीएस जनरल बिपिन के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. मगर बिपिन रावत की बेटियों के कंधों पर दोहरा भार आन पड़ा है. एक तरफ उन्हें पिता को कंधा देना है तो दूसरी तरफ मां की चिता को आग भी देनी है. बता दें कि, जनरल बिपिन रावत की दो बेटिया हैं कीर्तिका और तारिणी. बिपिन रावत की दोनों ही बेटियां शादीशुदा है. उनकी बड़ी बेटी कीर्तिका मुंबई में रहती हैं. वहीं छोटी बेटी तारिणी दिल्ली में रहती हैं.
सूत्रों की माने तो जनरल बिपिन रावत की छोटी बेटी तारिणी दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बिपिन रावत के दिल्ली आवास पहुंचे और उनकी बेटी से मुलाकात की. पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश विदेश के कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी दोनों के शव कल दिल्ली लाए जाएंगे.
सबसे भरोसेमंद सैन्य अफसर रहे
आपको बता दें कि, CDS बिपिन सिंह रावत की गिनती प्रधानमंत्री मोदी के सबसे भरोसेमंद सैन्य अफसरों में होती थी. बिपिन रावत को सीनियर को सुपरसीड कर सेना प्रमुख बनाया गया था. जिस दिन वह सेना प्रमुख से रिटायर हुए थे, उसके अगले दिन ही उन्हें सीडीएस बना दिया गया था.
इस कार्य के लिए जाने जाते थे
बता दें कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद को खत्म करने में रावत ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने वर्ष 2015 में म्यांमार में क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन का अभियान चलाया था. इस कार्यवाही के दौरान भारतीय सेना ने NSCN-K के उग्रवादियों को सफलतापूर्वक जवाब दिया था. यह मिशन रावत की अगुआई में दीमापुर स्थित III कॉर्प्स के ऑपरेशन कमांड से चलाया गया था. CDS बिपिन सिंह रावत साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक्स की योजना का अहम् हिस्सा रहे थे. सर्जिकल स्ट्राइक्स में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई को अंजाम दिया था.
शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़े बिपिन सिंह रावत 1978 में 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन हुए थे. वह अपने लंबे करियर में कई तरह के सैन्य अभियानों और कार्रवाई में शामिल होने वाले अफसरों में शामिल रहे है. संयुक्त राष्ट्र संघ के कई मिशन में भी उनका अहम किरदार था. हर बार उनकी बहादुरी, समझदारी और सैन्य रणनीति का लोहा सबने माना. यही वजह थी कि वह सेना में एक पद से दूसरे पद पर तरक्की करते गए.
मेडल से किया जा चुका है सम्मानित
सैन्य सेवा के दौरान जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल और सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है.