वसीम तो बन गए हिंदू, पत्नी-बच्चे किस धर्म के कहलाएंगे? पढ़ें ऐसे ही 6 बड़े सवालों के जवाब
पिता ने धर्म बदला तो पत्नी-बच्चों के अधिकार किस धर्म के तहत चलेंगे? संपत्ति, शादी, तलाक के कानून में अन्य लोग कौन से धर्म का पालन करेंगे
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सोमवार को डासना मंदिर के यति नरसिंहानन्द महाराज की मौजूदगी में सनातन धर्म स्वीकार कर लिया. उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है. हिंदू बनने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में जो हिंदू धर्म स्वीकार नहीं करेगा मैं उसे त्याग दूंगा. हालांकि सवाल खड़े हो रहे हैं कि उनके पति-बच्चों का क्या होगा ? क्या वसीम का हिंदू धर्म स्वीकार करना मान्य है ? इससे जुड़े 6 सवालों के जवाब आइए जानते हैं ?
1. किसी भी नागरिक के धर्म बदलने का तरीका क्या है ?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने बताया कि धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होता है. सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को कोर्ट में एफिडेटिव बनवाना होगा, ये नाम था, अब मुस्लिम से हिंदू धर्म बदल रहा हूं, नाम, पिता का नाम आदि देना होता है. फिर अखबार में इस संबंध में विज्ञापन भी देना पड़ेगा कि, मैंने दूसरे धर्म में प्रवेश कर लिया है. वहीं सरकार संबंधित व्यक्ति को धर्म बदलने के बाद उसे मान्यता प्रदान करे इसके लिए गजट में नोटिफाई करना होता है.
2. क्या कोई धर्मगुरु धर्म परिवर्तन करा सकता है?
हिंदू धर्म में धर्म परिवर्तन की कोई निर्धारित प्रक्रिया या नियम नहीं है. हर मंदिर में धर्म बदलने के अलग-अलग प्रक्रिया अलग-अलग तरीका है. शुद्धि पूजा के बाद धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया करवाई जाती है. रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने कहा कि, हिंदू धर्म एक जीवन प्रक्रिया है. पूजा पाठ, चारों धाम जाना. यह हिंदू धर्म का अभिन्न अंग है. तो धर्म बदलने वाले व्यक्ति को इन चीजों का भी ध्यान रखना होगा और हिंदू धर्म की सभी प्रक्रियाओं का भी पालन करना होगा.
3. क्या मंदिर में पूजा कर नाम बदलने भर से धर्म परिवर्तन पूरा हुआ? क्या आगे कानूनी प्रक्रिया जरूरी नहीं है?
कानूनी फायदा प्राप्त करने के लिए वसीम को अब अपने कागजात में भी अपना हिंदू नाम लिखवाना होगा. जिस तरह धर्म बदलने की प्रक्रिया हुई वैसे ही डीएम के सर्टिफिकेट के बाद हर जगह से नाम बदलवाना पड़ेगा.
4. एक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन करने से क्या पत्नी-बच्चों का भी धर्म बदल जाता है?
इस सवाल का जवाब मिला कि धर्म बदलने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है या किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता. वसीम चाहे हिंदू बन गए हो हालांकि पत्नी-बच्चों का धर्म जब तक वे न बदले मुस्लिम ही रहेगा.
5. एक मुस्लिम के धर्म बदलने से परिवार पर क्या असर पड़ता है?
पत्नी शिया रहती हैं तो वो पति से स्वतः ही अलग हो चुकी है. इस सवाल का जवाब शिया धर्म गुरु सैफ अब्बास नकवी ने दिया.
6. पिता ने धर्म बदला तो पत्नी-बच्चों के अधिकार किस धर्म के तहत चलेंगे? संपत्ति, शादी, तलाक के कानून में अन्य लोग कौन से धर्म का पालन करेंगे?
इसका जवाब मिला कि जब तक वसीम के पत्नी और बच्चे हिंदू धर्म स्वीकार नहीं करते तब तक वे मुस्लिम ही कहलाएंगे. वसीम के सनातन धर्म को स्वीकार करने से उनके परिवार का धर्म हिंदू नहीं कहलाएगा. वहीं परिवार में किसी की शादी, संपत्ति तलाक आदि प्रकिया भी मुस्लिम धर्म के हिसाब से चलेगी.