Breaking news

2 दिन बाद होने वाली थी घर में शादी, परिवार का था इकलौता बेटा था जवान, आतंकी ऑपरेशन में हुआ शहीद

आतंकी ऑपरेशन में शहीद हुआ राजस्थान का बेटा, 10 दिसंबर को था जन्मदिन

देश के जवान हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात लगे रहते हैं। उनकी लाइफ इतनी आसान नहीं होती है। कई बार हमे सुरक्षित रखने के लिए वह खुद शहीद हो जाते हैं। अब राजस्थान के सीकर जिले के इस जवान को ही ले लीजिए। भगवानाराम नेहरा नाम का यह जवान धोद के दुगोली गांव का रहने वाला था।

शनिवार 4 दिसंबर को वह जम्मू कश्मीर के बारामुला में लच्छीपुरा पहाड़ी पर आतंकियों की तलाशी अभियान में शामिल था। यहाँ पहाड़ी से गिरने की वजह से उसका निधन हो गया। पोस्टमार्टम करने के बाद जवान के पार्थिव  शरीर को उसके पैतृक गांव रवाना किया गया। यहां सोमवार को उसका अंतिम संस्कार हुआ।

इकलौता बेटा था जवान

bhagwana ram

जवान भगवानाराम अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी दो बहने हैं। वहीं उसका पांच साल का इकलौते बेटा भी है जो पिता के शहीद होने के बाद बहुत दुखी है। जवान की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। बूढ़े माता- पिता अपने बेटे का शव अपनी आँखों के सामने देख बहुत रोए।

वहीं जवान की विधवा पत्नी का भी रो- रो कर बुरा हाल है। जवान के अंतिम संस्कार में पूरा गांव शामिल हुआ। परिवार के सदस्यों के अलावा ग्रामीणों की आंखें भी नम दिखाई दी। अब पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

शादी में होने वाला था शामिल

bhagwana ram

आतंकी ऑपरेशन समाप्त होने के बाद जवान भगवाना राम 7 दिसंबर को छुट्टी लेकर अपने गांव आने वाला था। उसे 10 दिसंबर को भान्जे की और 11 व 12 दिसंबर को ससुराल की एक शादी में शामिल होना था। यदि वह जिंदा होता तो शादी में परिवार के साथ खुशियां मना रहा होता। लेकिन अफसोस की ऐसा नहीं हो सका।

10 दिसंबर को आने वाला था जन्मदिन

bhagwana ram

10 दिसंबर को ही जवान का 38वां जन्मदिन था। परिवार उसे बधाई देने और जन्मदिन मनाने को बेताब था। लेकिन उसके पहले ही उनके घर का चिराग बुझ गया। 37 वर्षीय भगवाना राम 2001 में 17 वर्ष की उम्र में पांचवी जाट बटालियन में भर्ती हुआ था। उसके ऊपर देश की सेवा करने का जुनून सवार था। वह हमेशा से आर्मी में भर्ती होना चाहता था।

शव को देख रो पड़ा हर कोई

bhagwana ram

सोमवार को सैनिक व राजकीय सम्मान से शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बारामुला में पोस्टमार्टम के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को श्रीनगर एयरपोर्ट तक लाया गया था। वहाँ से हवाई जहाज से शव दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। इसके बाद दिल्ली से देह सरकारी वाहन में सड़क मार्ग द्वारा जवान के गांव पहुंचाया गया। जवान के शव को देख परिवार का रो-रोकर बहुत बुरा हाल था।

बरहाल हम भगवान से जवान भगवाना राम की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। हमारी सहानुभूति और संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है। ईश्व उन्हें इस दुख से उभरने की शक्ति दे।

Back to top button