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अशुभ ग्रहों की वजह से सरकार को जीएसटी में करने पड़ेंगे कई परिवर्तन, जानें!

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी कर नीति जीएसटी 30 जून 2017 की आधी रात से लागू कर दिया गया है। जीएसटी की में एक देश एक में एक ही कर लिया जायेगा। पहले कई छोटे-छोटे कर साथ मिलकर लिए जाते थे। हर राज्य सरकार का अपना अलग-अलग टैक्स था। एक ही चीज के लिए लोगों को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कर देना पड़ता था। prediction about gst.

अशुभ मुहूर्त में लागू किया गया जीएसटी:

जीएसटी के बारे में ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि सरकार ने यह फैसला अशुभ घड़ी में लिया था। जीएसटी को अशुभ मुहूर्त में लागू किया गया है, जिसकी वजह से इसके बुरे नतीजे आने वाले समय में सरकार व जनता दोनों के सामने आयेंगे। ज्योतिष विद्वान संजय चौधरी के अनुसार जीएसटी लागू करने के समय लग्न कुंडली का स्वामी ग्रह वृहस्पति था।

यह सातवें घर में चंद्रमा के साथ बैठकर गज केसरी योग बना रहा है, जो अत्यंत ही शुभ है। इससे भारतीय व्यापार की रैंकिंग विश्व में आगे बढ़ सकती है। वृहस्पति और चन्द्रमा की उपस्थिति 7वें घर में विरोध का भी कारण बनेगी। इस योग के ऊपर मंगल की दृष्टि होने की वजह से तमाम व्यापारिक वर्गों द्वारा इसका जमकर विरोध हो रहा है।

करने पड़ेंगे सरकार को कई परिवर्तन:

लग्न और लग्न का स्वामी द्विस्भाव में होने की वजह से सरकार को जीएसटी बिल में कई परिवर्तन भी करने पड़ सकते हैं। जीएसटी को अशुभ मुहूर्त में लागू किया गया है। जब जीएसटी लागू किया गया उस समय विष्टी समय चल रहा था। यह किसी भी नए कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसमें जिस भी नए काम को किया जाता है, उसके रास्ते में कई रुकावटें आने की सम्भावना होती है।

जीएसटी को सही ढंग से लागू करने व सबकी सहमती बनाने के लिए सरकार को इसमें कई परिवर्तन करने पड़ेंगे। भारत में जीएसटी कनाडा मॉडल पर लागू किया गया है। भारत में जीएसटी की दर विश्व में सबसे अधिक रखी गयी है। विश्व के कई देश नई कर प्रणाली की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कनाडा की सरकार ने भी जीएसटी की दरों में काफी परिवर्तन किया।

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