इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म कुबूल करेंगे Waseem Rizvi, यति नरसिंहानंद कराएंगे `घर वापसी`
बाबरी विध्वंस की बरसी पर शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रिजवी बनने जा रहें सनातनी
छह दिसंबर का दिन भारतीय परिपेक्ष्य में कई मायनों में महत्वपूर्ण है। जी हां इस दिन का अपना एक इतिहास है। शायद इस दिन के इतिहास के बारे में आप सबको पता हो, लेकिन चलिए नहीं पता तो पहले हम आपको इस दिन के इतिहास से रूबरू कराते हैं। उसके बाद आज एक नया इतिहास बनने जा रहा। उसके बारें में बताएंगे, जो सेकुलरिज्म के नाम पर देश का बंटाधार करने वालों के लिए एक सबक भी है और शायद इस ख़बर को पढ़ने के बाद उन्हें मिर्ची भी लगेगी, लेकिन बात पहले आज के इतिहास की।
वैसे तो आज का दिन संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर से भी सम्बंधित है, लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि आज के दिन ही बाबरी विध्वंस हुआ था और आज उसकी बरसी है। वहीं अब आज के दिन ही यूपी के शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) इस्लाम (Islam) धर्म छोड़कर हिंदू धर्म (Hindu Religion) अपनाने जा रहे हैं।
बता दें कि वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गाजियाबाद (Ghaziabad) के डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Temple) शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज (Yati Narsinghanand Giri Maharaj) से सनातन धर्म ग्रहण करेगे। ऐसे में कहीं न कहीं यह ख़बर उन मुल्ला-मौलवियों के लिए एक सबक है, जो आएं दिन फतवा जारी करने या देश विरोध की बात करते हैं। बता दें कि वसीम रिजवी के सनातन धर्म अपनाने के मद्देनजर मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वहीं प्राप्त जानकारी के मुताबिक बात करें तो रिजवी आज सुबह साढ़े 10 बजे गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में हिंदू धर्म ग्रहण करेंगे और यति नरसिम्हानंद गिरी महाराज उन्हें पूरे रीति रिवाज से हिंदू धर्म ग्रहण करवाएंगे।
कट्टरपंथियों के निशाने पर रिजवी…
बता दें कि वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। वो कट्टरपंथ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते रहते हैं। ऐसे में उनको कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी हैं। गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने कुरान के कथित रूप से विवादित आयतों को हटाने के लिए कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज किया और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
कुछ समय पहले ही जारी की थी वसीयत…
वहीं जानकारी के मुताबिक वसीम रिजवी ने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी। जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें।
वहीं रिजवी ने एक वीडियो भी जारी कर कहा था कि मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे। इसलिए मरने के बार मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए।
त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे रिजवी…
गौरतलब हो कि वसीम रिजवी ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह सोमवार को इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होंगे। इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।
जानिए कौन है यति नरसिम्हानंद, जो रिजवी को बनाएंगे सनातनी…
आखिर में बता दें कि गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती अक्सर अपने विवादास्पद बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। बताया जाता है कि उन्होंने रूस में पढ़ाई की है और मॉस्को व लंदन समेत कई जगहों पर काम भी किया है। वह ‘हिन्दू स्वाभिमान’ नामक संस्था भी चलाते हैं।
उन्होंने हिन्दू युवाओं और बच्चों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए ‘धर्म सेना’ का गठन भी किया था। कुछ महीने पहले वह डासना मंदिर में लड़के की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए थे। इस साल तीन अप्रैल को एक प्रेस वार्ता के दौरान यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कथित रूप से एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिस पर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु नाराज हो गए थे। तब मुस्लिम धर्मगुरुओं ने यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।