सोशल वायरल – सुप्रीम कोर्ट और सरकार का फैसला, सवर्णों को मिलेगा 50 प्रतिशत आरक्षण!
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फ़ेसबुक पर इन दिनों कुछ ऐसी पोस्ट शेयर किये जा रहे हैं जिनके मुताबिक सरकार और सुप्रिम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान कर दिया है। वायरल हो रहे इन पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का फैसला सुनाया है। इस दावे में कमाल की बात यह है कि यह फ़ैसला किसी एक कोर्ट या सरकार नहीं, बल्कि कई अदालतो और सरकारों का है। इस प्रकार के दावों में सबसे मजेदार बात ये कि इस आदेश को सभी राज्य की बीजेपी सरकारों के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात की अदालत और सुप्रीम कोर्ट का बताया जा रहा है। State governments and courts abolished reservation.
सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे हैं ये पोस्ट –
इस प्रकार के पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और ने गुजरात सरकार ने प्रदेश के निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों से आरक्षण को खत्म कर दिया है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में आरक्षण कभी लगाया ही नहीं गया था।
आखिर क्यों वायरल हो रहे हैं ऐसे पोस्ट –
दरअसल, इस तरह के पोस्ट के वायरल होने के पीछे मामला यह है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद ने कुछ दिन पहले अपने यहां लैब असिस्टेंट की नौकरी के लिए वैकेंसी निकाली थी। परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को बाद में इन्टरव्यू देना था। परीक्षा पास करने के लिए जनरल कैटिगरी के उम्मीदवारों को 70 अंक प्राप्त करना अनिवार्य था, लेकिन जनरल कैटिगरी का कोई भी उम्मीदवार 70 अंक प्राप्त नहीं कर सका।
इसके बाद 82 अंक प्राप्त करने वाली एक ओबीसी उम्मीदवार ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर अपील कि उसे जनरल कैटिगरी में इस पद पर नियुक्त किया जाए। कोर्ट ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि क्योंकि दीपा ने ओबीसी कैटिगरी में परीक्षा दिया था जिसके लिए उन्हें आयु में भी छूट दी गई है। अगर ऐसा नहीं होता तो वो परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सकती थी। इसलिए दीपा को जनरल कैटेगरी में इंटरव्यू के लिए नही बुलाया गया।
क्या है शेयर किये जा रहे हैं इन पोस्ट का सच –
इस पद के लिए निकाली गई वेकन्सी पर एक दलित उम्मीदवार का सिलेक्शन हुआ है। क़ानून के मुताबिक अगर कोई एससी, एसटी, ओबीसी उम्मीदवार जो आरक्षण का लाभ न लेते हुए नामांकन भरता है, तो वह निर्धारित अंक लाकर जनरल कैटिगरी में सिलेक्शन के लिए दावा कर सकता है। लेकिन, ऐसा तभी होगा जब उसने कोई छूट न ली हो। इसी बात को आधार बनाकर इस तरह के पोस्ट शेयर किये जा रहे हैं।