यह हमारे लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश का दुर्भाग्य ही है कि यहां सियासतदां जितना कार्य आवाम के हित के लिए नहीं करते। उससे ज़्यादा उन्हें विवाद करने में मजा आता है। जी हां संसद और विधानसभाओं में जनता के हितों से जुड़े मुद्दों पर बात होनी चाहिए, लेकिन आएं दिन वहां भी विवाद की स्थिति देखने को मिलती रहती है। अब ऐसा ही कुछ बिहार विधानसभा में देखने को मिला। बता दें कि बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन विवाद के साथ खत्म हुआ।
जी हां हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा खड़ा कर दिया। गौरतलब हो कि पार्टी विधायकों ने सत्र समापन के दौरान वंदे मातरम गाने से मना कर दिया। वहीं इतना ही नहीं उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत थोपने का भी आरोप लगाया।
बता दें कि दरअसल, इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान यानी जन-गण-मन और आखिरी दिन राष्ट्रगीत यानी वंदे मातरम को गाने की परंपरा शुरू की है। ऐसे में आख़िरी दिन शीतकालीन सत्र के समापन पर सभी को राष्ट्रगीत गाना था, लेकिन जब शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन राष्ट्रीय गीत गाया जा रहा था, तो उसी दरमियान ओवैसी की पार्टी के पांचों विधायकों ने राष्ट्रीय गीत गाने से इंकार कर दिया।
इतना ही नहीं पार्टी के सदस्य यहां तक कहने लगे कि यह उनके ऊपर थोपा जा रहा है। अब आप ऐसे में अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जो विधायक कुछ वक्त के लिए खड़े होकर राष्ट्रीय गीत का सम्मान नहीं कर सकते, उनसे बाकी क्या उम्मीद की जा सकती है?
गौरतलब हो कि शीतकालीन सत्र के समापन के बाद AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर जमकर बरसे और उन्होंने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत की नई परंपरा थोपने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं ओवैसी के विधायक अख्तरुल इमान ने दलील दी कि संविधान में कहीं भी नहीं लिखा गया है कि राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य है।
चलिए मान लिया महोदय की राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य नहीं, लेकिन क्या राष्ट्र के लिए आप सम्मान प्रकट करने में अपने आपको सक्षम नहीं पाते या कोई और बात। इसका जवाब भी अगर माननीय देते जाते तो बेहतर रहता। वहीं बता दें कि अख्तरुल इमान ने कहा कि, “जिसको राष्ट्रगीत गाना है वो गाए। मगर मेरा सवाल है कि क्या संविधान में राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य है? राष्ट्रगीत गाना ऑप्शनल है और राष्ट्रगीत गाना जरूरी नहीं है हमारे लिए।”
इसके अलावा आख़िर में बता दें कि हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के विधायको के राष्ट्रगीत नहीं गाने पर बीजेपी ने पटलवार भी किया है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि ये लोग खाते यहीं का हैं पर गीत नहीं गाएंगे।
भारत के अन्न से पलने वाले, यहीं की नदियों से पानी पीने वाले ऐसे लोग जिहादी मानसिकता के हैं। बचौल ने कहा कि इस्लामिक मानसिकता के ये लोग भारत का विभाजन करना चाहते हैं। इतना ही नहीं बीजेपी विधायक ने कहा कि अख्तरुल ईमान पर विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जब भी विधानसभा सत्र चलेगा भाजपा उन्हें परिसर में रुकने नहीं देगी।