डॉक्टर ने पत्नी और दो बच्चों का मर्डर करने के बाद व्हाट्सएप पर भाई को कहा,मैंने सब ख़त्म कर दिया
कानपूर : देश में इन दिनों लगातार क्राइम की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. पता नहीं देश के किस कोने से कैसी खबर आ जाए. लोगों को पता ही नहीं चलता और उनके आस-पास बड़ी वारदात हो जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के कानपुर से. यहाँ पर एक डॉक्टर से ऐसी वारदात को अंजाम दिया जिसके बारे में सुनकर हर किसी की रूह कांप गई. इस डॉक्टर ने अपनी पत्नी समेत दो बच्चों की हत्या कर दी है.
व्हाट्सएप मैसेज कर भाई को बताई घटना
अब इस मामले मेंआरोपी डॉक्टर घटना को अंजाम देकर मौके से फरार बताया जा रहा है वहीं, पुलिस को आशंका है कि वो खुद को भी नुकसान पहुंचा सकता है. आपको बता दें कि यह मामला कानपुर के कल्याणपुर के डिविनिटी अपार्टमेंट का है. यहाँ बीती रात डॉक्टर सुशील कुमार ने अपनी शिक्षक पत्नी चंद्रप्रभा, 18 साल का बेटा शिखर और 16 साल की बेटी खुशी को मौत के घाट उतार दिया.
इतना ही नहीं इस डॉक्टर ने इस पूरे मामले को अंजाम देने के बाद रूरा में तैनात अपने भाई को व्हाट्सएप मैसेज कर मामले की जानकारी भी दी. इसके तुंरत बाद उसके भाई ने पुलिस को इस मामले की सुचना दी. जिसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची जहां उन्हें घर के अलग-अलग कमरों में तीन लाशें मिली.
डॉक्टर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है
पुलिस ने घर पहुंच तलाशी ली तो उस घर से एक नोट भी बरामद हुआ है जिसमें डॉक्टर ने लिखा है कि, मैं डिप्रेशन में हूं और जिसके चलते मैंने इस घटना को अंजाम दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कई टीमें गठित कर आरोपी डॉक्टर की तलाश शुरू कर दी है.
पुलिस की ओर से दिए एक बयान में कहा गया कि, आरोपी डॉक्टर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है जिसका लंबे समय से इलाज चल रहा था. पुलिस ने कहा है कि वह जल्द आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लेगी हालांकि उनको आशंका है कि वो खुद को नुकसान पहुंचा सकता है.
तलाश कर रही पुलिस
इस डॉक्टर सुशील की तलाश में पुलिस टीमें अब संभावित क्षेत्रों में दबिश दे रही हैं. हालांकि अपने भाई को मैसेज करने के बाद से ही उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया है जिससे उसकी लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा पा रहा है. पुलिस ने मौके से शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मौके से 10 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है.
इसमें लिखा है कि अब और कोविड नहीं, ये कोविड अब सभी को मार देगा. ओमिक्रॉन वैरिएंट किसी को नहीं छोड़ेगा, अब लाशें नहीं गिननी हैं. अपनी लापरवाही के चलते करियर के उस मुकाम पर फंस गया हूं. जहां से निकलना असंभव हैं. मेरा कोई भविष्य नहीं है.
अत: मैं अपने होश-ओ-हवास में अपने परिवार को खत्म करके खुद को खत्म करने जा रहा हूँ. इसका जिम्मेदार और कोई नहीं मेरी ला इलाज़ बीमारी है. सुशील कुमार रामा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है.