भाकियू ने कहा ससम्मान धरने से उठकर घर जाएगा किसान, चार दिसम्बर को ख़त्म हो सकता है आंदोलन
कृषि क़ानून राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही पूर्ण रूप से वापस ले लिया गया है। इसके बावजूद भी अभी आंदोलनकारी किसान अपनी जगह से टस से मस नहीं हो रहें हैं। जी हां अब किसान आंदोलन से जुड़े लोग नई मांगों को लेकर झंडा बुलंद किए हुए हैं।
इतना ही नहीं दाहा क्षेत्र के मौजिजाबाद नांगल गांव में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने अब कहा है कि सरकार ने किसानों की मांगे मानकर अच्छा कदम उठाया है। वहीं उन्होंने कहा कि अब हम उम्मीद करते हैं कि चार दिसंबर तक बाकी मांगे भी सरकार मान लेगी और किसान धरने से ससम्मान के साथ उठेगा।
किसान की पुण्यतिथि पर पहुंचे थे भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत…
वहीं बता दें कि कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर गाजीपुर धरने पर शामिल रहे किसान गलतान सिंह की बीते वर्ष मौत हो गई थी। बुधवार को भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके गांव मौजिजाबाद के नांगल गांव पहुंचे। वहां पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर किसान एक वर्ष से धरने पर बैठे हैं और अब सरकार ने कृषि कानून वापसी की किसानों की मांग मान ली है।
सरकार किसानों से मुकदमे वापस कराने का भी आश्वासन दे रही है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार चार दिसंबर तक किसानों की अन्य मांगे भी मान लेगी। जिसके बाद किसान धरने से ससम्मान के साथ उठेंगे और किसानों की मांगे मानना यह सरकार एवं किसानों के बीच एक समझौता है।
इतना ही नहीं इस दौरान भाकियू अध्यक्ष ने टीईटी परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले पर भी अपनी बात रखी और उन्होंने कहा कि इस तरह नकल करके पास होने वाले देश का भला नहीं कर पाएंगे। वहीं इससे जो बच्चे योग्य हैं, उनके साथ धोखा होगा। इस प्रकरण में जो लोग दोषी हैं। उन पर सरकार सख्त कार्रवाई करे, लेकिन आरोपितों के मकान पर बुलडोजर चलाना ठीक नहीं है। यह एक तानाशाही है। इसमें परिवार या मकान का क्या दोष है। ऐसे मामलों पर सरकार सख्त कदम उठाए उसका कोई विरोध नहीं करेगा।