अध्यात्म

जाने सूर्य पूजा से होते हैं कौन-कौन से लाभ, अन्य दिनों में किस देवता से क्या मांगना चाहिए?

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के मूर्ति की पूजा की जाती है, या कह सकते हैं हिन्दू धर्म को मानने वाले साकार ब्रह्म के पुजारी होते हैं। हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा 33 करोड़ देवी-देवताओं के होने की बात की गयी है। हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों का विश्वास है कि देवता कण-कण में वास करते हैं। हिन्दू धर्म शास्त्रों में 5 देवताओं को प्रमुख देवता के रूप में माना जाता है।

अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए करता है भगवान की पूजा:

इन पाँच देवताओं में सूर्य, शिव, गणेश, शक्ति और विष्णु भी परब्रह्म, अनंत और अनादी माने गए हैं। इस तरह से देखा जाए तो भगवान की गिनती करना संभव नहीं है। इन्ही देवताओं के अलग-अलग रूप और शक्तियाँ अलग-अलग देवताओं के रूप में पूजी जाती हैं। इंसान अपने अनेक इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान की पूजा करता है। भगवान अपने भक्त की पूजा से खुश होकर उसकी सभी सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।

रविवार को की जाती है सूर्य देव की पूजा:

वेदों में सूर्य देव को इस जगत की आत्मा कहा गया है। अगर सूर्य नहीं होते तो इस पृथ्वी पर जीवन असम्भव होता। सूर्य देव की पूजा सप्तमी सहित विशेष घड़ियों में पूजा की जाती है। इसके अलावा हर रविवार को भी सूर्य देव की पूजा की जाती है। सूर्य की पूजा से कौन से लाभ होते हैं, उसके बारे में शास्त्रों में बताये गए मन्त्र से साफ़ तौर पर पता चलता है।

मंत्र:
आरोग्यं भास्करादिच्छ्रयमिच्छेद्भहतानाशवान।
ईश्वराज्ज्ञानमन्विच्छेन्मोक्षमिच्छेज्जनार्दनात्।।
दुर्गादिभिस्तथा रक्षां भैरवाद्यैस्तु दुर्गमम्।
विद्यासारं सरस्वत्या लक्ष्म्या चैश्र्ववर्धनम्।।
पार्वत्या चैव सौभाग्यं शच्या कल्याणसंततिम्।
स्कन्दात् प्रजाभिवृद्धिं च सर्वं चैव कल्याणसंततिम्।।
अर्थ:

सूर्य देव को स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। इसलिए सूर्य देव से स्वास्थ्य, देवी शक्तियों से सुरक्षा, भगवान शंकर से बुद्धि और ज्ञान, अग्निदेव से सुख-समृद्धि, माँ सरस्वती से कला और विद्या, जनार्दन से मुक्ति, माँ लक्ष्मी से धन-दौलत और ऐश्वर्य, भैरव से मुश्किलों से छुटकारा, माता पार्वती से सौभाग्य, इंद्र और सची से सुख, कार्तिकेय से संतान सुख और भगवान गणेश से सभी सांसारिक सुखों की माँग की जा सकती है।

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