राकेश टिकैत की सरकार को धमकी, कहा दिमाग ठीक कर ले सरकार नहीं तो 26 जनवरी की घटना फिर होगी
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. तीनों कृषि कानूनों को लेकर वह एक बार फिर सरकार से सवाल कर रहे है. उन्होंने मोदी सरकार को 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने की चेतावनी दी है. महाराष्ट्र पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने एक साल तक काफी कुछ झेला है. टिकैत ने कहा कि, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बना दे नहीं तो हम आंदोलन पर ही बैठे रहेंगे.
आज से 26 जनवरी दूर नहीं है और देश के 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं हैं और देश का किसान भी यहीं है. ज्ञात हो कि, पिछले साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान राजधानी दिल्ली में काफी हिंसा हुई थी और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किले में दाखिल हो गए थे. इन प्रदर्शनकारीयो ने पुलिस बल के साथ भी मारपीट की थी.
वही रविवार को मुंबई में टिकैत ने बयान दिया कि, ‘अपना दिमाग ठीक कर ले भारत सरकार, जो गुंडागर्दी वो करना चाहते हैं, वह गुंडागर्दी उनकी नहीं चलेगी. बहुत झेल लिया किसान ने एक साल… अपना दिमाग ठीक कर सरकार एमएसपी पर गारंटी वाला कानून बना दे, नहीं तो 26 जनवरी दूर नहीं है.’
इसके साथ ही टिकैत ने यह भी मांग की कि केंद्र के तीन कृषि विपणन कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की आर्थिक मदद भी की जाए. अब तक 700 लोगों की कुर्बानियां हो चुकी हैं. उन्होंने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि आप हमारी मीटिंग रोकने की कोशिश करोगे तो हम भी आपकी मीटिंग रोकेंगे.
आपको बता दें कि ,मोदी सरकार को टिकैत ने यह अल्टिमेटम उस समय पर दिया है जब आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक पेश किया जाना है. पिछले दिनों अपने भाषण में पीएम मोदी ने तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने का ऐलान करते हुए एमएसपी पर विचार के लिए कमिटी गठन का वादा भी किया था.
ज्ञात होकि किसान मजदूर महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है, सचेत रहने की जरूरत है. अभी भी सरकार बात करने की लाइन में नहीं आई है. ये सरकार षड्यंत्रकारी, बेईमान और धोखेबाज है. देश में किसान समाज और मजदूरों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है.
‘ कृषि और श्रम क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दे अभी भी अनछुए हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. हम इन मुद्दों को उजागर करने के लिए पूरे देश में यात्राएं करेंगे. राकेश टिकैत के यही तेवर मंच के नीचे पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी दिखाए.
गौरतलब है कि इसी वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इसके दौरान प्रदर्शनकारियों की आड़ लेकर बड़ी संख्या में उपद्रवी लाल किले में घुस गए थे. उनके द्वारा लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे का अपमान किया गया था, और दिल्ली की सड़कों पर मनमाने तरीके से ट्रैक्टर दौड़ाए गए थे. इस हिंसा के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक व्यक्ति की जान भी गई थी.