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सिद्धू के बाद अब आप MLA का भी उमड़ा पाक प्रेम, कुलतार संधवां बोले नफ़रत की न हो राजनीति

आगामी समय में पांच राज्यों में चुनाव है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने पक्ष में हवा बनाने में लगें हुए हैं। इसी के तहत आप आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अपना और पार्टी का विस्तार अब दिल्ली के बाहर करने की क़वायद में लगें हुए हैं। बीते दिनों अरविंद केजरीवाल पंजाब दौरे पर पहुँचें, लेकिन उसके पहले ही कुछ ऐसा हो गया कि उनकी पार्टी की सोच पर सवालिया निशान खड़े होने लगें।

Aap Mla

जी हां यह तो आप सभी जानते हैं कि कांग्रेस के नवजोत सिद्धू अक़्सर अपने पाकिस्तान प्रेम को झलकाते और दर्शाते रहते हैं और बीते दिनों ही उन्होंने पाक पीएम (PM) इमरान खान को बड़ा भाई कह दिया। जिसके बाद राजनीतिक घमासान मचना स्वाभाविक था और हुआ भी वही, लेकिन इसी विवाद के बीच पंजाब के आम आदमी पार्टी (AAP) सदस्य कुलतार संधवां भी कूद पड़े हैं।

बता दें कि पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के दौरे से पहले उन्होंने कहा कि हमें नफरत की राजनीति नहीं करनी चाहिए। दोनों देशों के बीच व्यापार खुले तो भारत और पाकिस्तान में खुशहाली आएगी। ऐसे में गौरतलब हो कि संधवां की बात इसलिए भी अहम है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही आप के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्‌ढा ने सिद्धू की आलोचना की थी और उन्होंने इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर देश और पंजाब के लिहाज से कांग्रेस और सिद्धू के पाक प्रेम को लेकर चिंता जताई थी।

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ऐसे में अब जब संधवां ने पाक प्रेम को प्रदर्शित किया है। फ़िर आम आदमी पार्टी की सोच दूध का दूध और पानी का पानी होती दिख रही है। जी हां बता दें कि एमएलए (MLA) कुलतार संधवां ने कहा कि भारत और पाकिस्तान का हर इंसाफ पसंद नागरिक चाहता है कि दोनों देशों में नफरत की दीवार टूटे, ताकि दोनों जगह व्यापार के जरिए खुशहाली आ सके।

सरहदों पर तनाव घटे नफरत की राजनीति की भेंट चढ़ने वाले हमारे फौजी आम घरों के बच्चे होते हैं। नफरत की आग फैलाकर शहीदों के ऊपर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले नेताओं के नहीं।

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वहीं हम आपको बता दें कि बीते दिनों राघव चड्‌ढा ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान सिद्धू का पाक प्रेम उमड़ रहा है। वह इमरान खान का महिमामंडन कर रहे हैं। पंजाब बॉर्डर स्टेट है। बीएसएफ रोजाना कई ड्रोन अटैक फेल करती है। रोजाना हेरोइन और हथियार पकड़ती है। पाकिस्तान पंजाब के जरिए देश में आतंकवादी, ड्रोन और नशा भेजता है। अगर पंजाब में सत्ताधारी नेता ही पाकिस्तान प्रेम में पड़ जाएंगे तो यह देश और पंजाब की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

अगर व्यापार के लिए बॉर्डर खोलेंगे तो चार गुना हथियार, नशा और आतंकवादी भारत भेजे जाएंगे। अब ऐसे में पंजाब और देश की जनता को फ़ैसला करना चाहिए कि वह कैसे किसी ऐसी पार्टी को समर्थन करें, जिसके भीतर ही दुश्मन देश को लेकर अलग-अलग विचार पनप रहे हैं। वैसे केजरीवाल ने अपने पंजाब दौरे के दौरान लोक-लुभावन वादे करके जनता को अपनी तरफ खींचने का प्रयास तो किया है, लेकिन यह वक्त बताएगा कि जनता केजरीवाल एंड पार्टी को पंजाब में किस स्तर पर देखती है।

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