प्रेम विवाह: परिवार थाने में लड़ाई करने में बीजी थे, प्रेमी ने चुपके से प्रेमिका की मांग भर दी
प्रेम विवाह आज भी कई परिवारों में मान्य नहीं होता है। लोग चाहते हैं कि उनका बेटा या बेटी उन्ही की कास्ट में शादी रचाएं। हालांकि प्रेम पर किसका जोर चलता है। जब लड़का-लड़की के बीच प्यार हो जाता है तो वह बस किसी भी हाल में एक दूसरे के होना चाहते हैं। इस चक्कर में कपल अक्सर घर से भाग भी जाते हैं। अब बिहार के नवादा जिले के रजौली के उपरटंडा का यह अनोखा मामला ही ले लीजिए।
यहां लड़का-लड़की घर से भाग गए। फिर मामला थाना पहुंचा। दोनों के परिजन थाने में लड़ने लगे। पुलिस वाले परिजनों को समझाने में लग गए। उधर लड़के ने मौका देखकर लड़की की मांग में सिंदूर भर दिया। तो चलिए इस अजब प्रेम की गजब कहानी को विस्तार से जानते हैं।
7 साल से था लव अफेयर
विश्वास कुमार रजौली के उपरटंडा का रहने वाला है। उसका अपने घर के पास की ही लड़की से पिछले 7 सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों आए दिन फोन पर गुटरगूँ किया करते थे। दो साल पहले दोनों ने घर से भागकर शादी करने का प्लान भी बनाया, हालांकि दोनों के परिजनों को इसकी भनक लग गई। वे इस बात से भड़क गए और इस रिश्ते के खिलाफ जंग छेड़ दी।
घर से भागकर उठाया ये कदम
पहली बार भागने का प्लान फेल हुआ तो भी कपल ने हार नहीं मानी। वह कुछ दिनों पहले दोबारा घर से भाग गए। इस बार वे भागकर सीधा नवादा कोर्ट पहुंच गए। यहां उन्होंने वकीलों के समक्ष शादी को कानूनी तौर पर मान्यता देने के लिए 12 सितंबर 2021 को एग्रीमेंट पेपर भरा। फिर 40 दिनों बाद अनुमंडल कोर्ट रजौली में इसे स्वीकृति मिल गई।
थाने में पहुंचे शादी करने
अनुमंडल कोर्ट से स्वीकृति मिलने के बाद दोनों गुरुवार को रजौली आदर्श थाना में पहुंच गए। यहां वे अपने खास परिचितों और दोस्तों संग प्रेम प्रसंग को हिंदू रीति रिवाज से विवाह में बदलना चाह रहे थे। हालांकि इस बीच कपल के परिजों को इसकी भनक लग गई। वे थाने आ पहुंचे और हंगामा करने लगे। दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी ने प्रेमी जोड़े को समझाया कि वे परिवार की मर्जी के बिना शादी नहीं करे, लेकिन दोनों नहीं माने।
परिवार लड़ाई में बीजी था, कपल ने रचा ली शादी
थानाध्यक्ष के मुताबिक प्रेमी और प्रेमिका दोनों ही बालिग थे। कोर्ट में उनकी शादी पहले हो चुकी थी। नियम के अनुसार तो दोनों पहले से ही पति-पत्नी थे। हालांकि परिजनों के विवाद के चलते हमने उन्हें समझौता करने की सलाह दी, लेकिन कपल नहीं माना। इस बीच लड़क-लड़की अचानक मंदिर परिसर में चले गए। यहां लड़के ने फटाक से लड़की की मांग में सिंदूर भर दिया और शादी रचा ली।
इस तरह परिवार के विरोध के बावजूद प्रेम की जीत हुई। कपल कोर्ट और हिंदू रीति-रिवाज दोनों तरीकों से पति-पत्नी बन गए।