भारत के बच्चों का फेवरेट ‘किंडर जॉय’ अमेरिका में क्यों है प्रतिबंधित। जानिए वज़ह…
बच्चों का पसंदीदा Kinder Joy अमेरिका में है बैन और भारत में बिकता है धड़ल्ले से। जानिए...
अमूमन एक बात यह कही जाएं तो ग़लत नहीं होगी कि भारत दुनिया के लिए एक बाज़ार से ज़्यादा कुछ नहीं। जी हां ऐसा कहने के पीछे एक वाज़िब कारण है। अब देखिए न कि भारत के बाजारों में ऐसी कई चीजें मिल जाएंगी। जो दुनिया के नजरिए से सही नहीं या फ़िर प्रतिबंधित है। गौरतलब हो कि दुनिया के कई बड़े देशों में प्रतिबंधित ऐसी वस्तुओं में चॉकलेट कैंडी आदि भी शामिल हैं, लेकिन भारत में ये चीजें धड़ल्ले से बिकती हैं और ताज्जुब की बात यह है कि इसे लोग बड़ी संख्या में खरीदते भी हैं।
इन्हीं में से एक वस्तु ‘किंडर जॉय’ भी है। बता दें कि किंडर जॉय बच्चों में बहुत लोकप्रिय चॉकलेट है और ये अंडे के आकार की होती है, लेकिन अमेरिका जैसे देश में ये प्रतिबंधित है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके अमेरिका में प्रतिबंधित होने का कारण। बता दें कि किंडर जॉय के अमेरिका में प्रतिबंधित होने का कारण है इसके साथ मिलने वाले खिलौने।
अमेरिका में ऐसा माना जाता है कि किंडर जॉय के साथ जो खिलौने मिलते हैं, यदि ये बच्चे इन्हें भूलवश निगल लें तो परेशानी हो सकती है। ऐसे में वह ऐसी किसी भी सामान की बिक्री की अनुमति नहीं दे सकते हैं जिसका असर बच्चों पर पड़े। हालांकि, भारत में इसकी खूब बिक्री होती है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, इनका आधिकारिक नाम ‘किंडर सरप्राइज’ है, और वे एक इटालियन ब्रांड फेरारो द्वारा बनाई गई चॉकलेट कैंडी हैं।
फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत अमेरिका में इस पर बैन लगा दिया गया था। इस एक्ट के तहत ऐसी किसी भी कैंडी की बिक्री प्रतिबंधित है जिसमें कोई खिलौना मौजूद हो और इस पैमाने के आधार पर किंडर जॉय की बिक्री को इजाजत नहीं दी गई।
वहीं किंडर सरप्राइज कनाडा और मैक्सिको में वैध हैं, लेकिन अमेरिका में इंपोर्ट करना गैरकानूनी है। हालांकि, मई 2017 में फेरेरो किंडर जॉय अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध हो गया क्योंकि कंपनी ने चॉकलेट और प्लास्टिक खिलौनों को अलग-अलग करके इनको बेचना शुरू कर दिया था। किंडर जॉय को पहले साल 2001 में इटली में लॉन्च किया गया था और यह दिसंबर 2015 में यूके पहुंचा था।
जानकारी के लिए बता दें कि चिली में भी साल 2013 में एक कानून पारित किया गया जिसमें खिलौनों का लालच देकर बिक्री को प्रोत्साहित करने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना शामिल था और चिली में किंडर सरप्राइज पर बैन लगा दिया गया था।
अमेरिका में लाइफबॉय साबुन को लेकर भी हो चुका है विवाद…
वहीं आख़िर में बता दें कि इसी प्रकार एक बार अमेरिका में लाइफबॉय साबुन को लेकर भी विवाद सामने आया था, जबकि ये साबुन भारत में काफी लोकप्रिय रहा है। द गार्डियन की एक रिपोर्ट की मानें तो, अमेरिका के एफडीए ने लाइफबॉय समेत कई एंटी बैक्टीरियल साबुन को लेकर कहा था कि ये साबुन अन्य साबुनों के मुकाबले किसी भी तरह से बेहतर नहीं हैं।
साथ ही ये भी कहा गया था कि कई डेटा ये बताते हैं कि इनके ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि किस तरीके से भारत सिर्फ एक बाजार दुनिया के लिए है और सभी ये समझते हैं कि यहां सब बिक जाता है इसलिए कुछ भी चीज यहां के बाज़ार में उतार दी जाती है।