इस रानी ने क्रिप्टोकोर्रेंसी में किया था सब से बड़ा फ्रॉड, दुनिया लूट कर हो गयी थी फरार
क्रिप्टो करेंसी में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते...
आपने हिंदी का वह प्रसिद्ध डायलॉग तो सुना ही होगा- बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया । आज दुनिया में पैसे कमाने को लेकर जबरदस्त होड़ लगी हुई है। पैसे बढ़ाने के लिए कई प्रकार के भ्रामक प्रचार भी आप देखते रहते हैं। आपको हेरा फेरी फिल्म का वह दृश्य भी याद होगा जिसमें पैसे को डबल करने की स्कीम चलाई जाती है जो बाद में एक फ्रॉड साबित होता है।
इस समय ऐसे ही पैसा डबल करने वाली योजना के रूप में एक नई करेंसी इजात हुई है। पूरी दुनिया में इसको क्रिप्टो करेंसी के नाम से जाना जाता है।
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है। डिजिटल करेंसी से आजकल लाखों से करोड़ों और करोड़ों से अरबों रुपए बनाए जा रहे हैं। आजकल बिटकॉइन के बारे में कौन नहीं जानता, एक समय में जिस बिटकॉइन की कीमत 7.50 रुपये हुआ करती थी, आज उसकी कीमत लाखों में है, लेकिन धन कमाने की लालच में कई बार लोग फ्रॉड के शिकार भी हो जाते हैं। आपको ऐसे क्रिप्टोकरंसी के सबसे बड़ी फ्रॉडबाज रुजा इग्नातोवा के बारे में बताते हैं।
एक समय में रुजा इग्नातोवा को क्रिप्टो करेंसी की का क्वीन कहा जाता था। इग्नातोवा क्रिप्टो करेंसी के भविष्य को बहुत पहले ही पहचान गई थी और उसने आज से बहुत समय पहले ही शेयर मार्केट में बिटकॉइन को टक्कर देने के लिए एक नए क्रिप्टो करेंसी की खोज की थी।
उस समय क्वीन रूजा ने लोगों को भारी मुनाफा देने का लालच देकर लाखों करोड़ों रुपए के निवेश क्रिप्टोकरंसी के लिए जुटाए। लोगों को ऐसे लुभावने सपने दिखाकर इस क्रिप्टो क्वीन के नाम से प्रसिद्ध रुजा इग्नातोवा ने करीब 30 हजार करोड़ की फर्जीवाड़ा कर डाली।
विश्व की एक प्रसिद्ध न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार रुजा इग्नातोवा बुल्गारिया की रहने वाली एक डॉक्टर थी। क्रिप्टोक्वीन के नाम से प्रसिद्ध रुजे ने Bitcoin की सक्सेस को देखते हुए वनकॉइन नाम का एक क्रिप्टो करेंसी लॉन्च किया था। इस डिजिटल करेंसी के प्रचार के लिए रुजा ने खुले मंच का प्रयोग किया और ओपन स्टेज पर लोगों के सामने मुनाफे कमाने की भारी लुभावने वादे किए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच दुनिया भर के कई प्रसिद्ध देशों ने वनकॉइन में लगभग 4 अरब यूरो का इन्वेस्टमेंट किया। रुजा इग्नातोवा ने लगभग सभी बड़े देशों में सेमिनार के माध्यम से लोगों को OneCoin के बारे में बताया और इसके लिए निवेश हासिल किया।
उस समय 140 यूरो से कम का वन कॉइन लेना संभव नहीं था, वहीं किसी को भी एक लाख 18 हजार यूरो से अधिक का कॉइन खरीदने की भी अनुमति नहीं थी। इस कॉइन को कैश करने के लिए रुजा ने लोगों से एक्सचेंज खोलने का वादा किया।
OneCoin में सबसे बड़ी खामी यह थी कि यह कॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित नहीं था । आपको बता दें कि बिटकॉइन जैसी दुनिया की प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर ही काम करती हैं। ऐसा नहीं है कि रुजा ने वनकॉइन ब्लॉकचेन से जोड़ने पर काम नहीं किया।
उसने प्रयास तो काफी किया लेकिन वह इस काम में सफलता हासिल नहीं कर पाई। रुजा अपना कारोबार बढ़ा ही रही थी कि इसी दौरान लोगों को इस तकनीकी खामी का पता लग गया। कुछ निवेशक एक दूसरे से जाकर इसके बारे में सच्चाई बताने लगे। लेकिन फिर भी अभी तक अधिकांश निवेशक इस बात से अनजान थे।
वहीं रुजा वनकॉइन से प्राप्त पैसे को ठिकाने लगाने के काम पर लग गई थी। उस दौरान अपने निवेशकों को धोखा में रखते हुए रुजा इग्नातोवा ने अकूत संपत्ति खरीदी। उसने बुल्गारिया समेत दुनिया के कई देशों में प्रॉपर्टी हासिल किए और एक समय बाद अचानक गायब हो गई। उसके बाद से आज तक इस क्रिप्टो रानी के नाम से प्रसिद्ध रुजा इग्नातोवा का पता नहीं लग पाया है।
अपने पैसे दोगुने और तीन गुने करने के लालच में जिस निवेशकों ने पैसा खर्च किया था आज भी वह इस घटना को याद करके कांप जाते हैं।हालांकि भारत सरकार ऐसे फ्रॉड को रोकने के लिए संसद में बहुत जल्द शीतकालीन सत्र बिल लाने जा रही है। भारत सरकार के इस फैसले से देश में प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा।