नवाब मलिक की ‘नवाबी’ को हाईकोर्ट का झटका। अब आगे नहीं कर पाएंगे वानखेड़े परिवार पर कमेंट…
एनसीपी नेता को बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार। बंद करें वानखेड़े परिवार के खिलाफ वाहियात कमेंट...
हिंदी में एक बड़ी ही अच्छी कहावत है कि, ‘चोर की दाढ़ी में तिनका।’ अब इसका अर्थ क्या होता? यह उम्मीद है कि आप सभी को मालूम होगा, लेकिन इस कहावत का प्रयोग क्यों किया? वह आपको आगे पता चल जाएगा। जी हां नवाब मलिक का नाम तो आप सबने बीते दिनों में ख़ूब सुना होगा। नहीं सुना तो बता देते हैं। गौरतलब हो कि नवाब मलिक वही हैं जिनके दामाद समीर खान सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद शुरू हुई ड्रग्स जांच मामले में एनसीबी के हत्थे चढ़ चुके हैं।
जी हां इसी के बाद से राजनीतिक रसूख रखने वाले नवाब मलिक लगातार एनसीबी के खिलाफ बयानबाज़ी करते आ रहें हैं और आर्यन ड्रग्स मामले के बाद भी इन्हें कई मौकों पर निजी तौर पर समीर वानखेड़े को उलूल-जूलुल कहते हुए देखा गया। वहीं अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के परिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
जी हां दरअसल हुआ यह है कि कोर्ट ने समीर वानखेड़े के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नवाब मलिक और उनके परिवार को दिशा- निर्देश दिया कि वह वानखेड़े की फैमली के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर नहीं करेंगे। इतना ही नहीं आदेश में यह भी स्पष्ट कहा गया कि वानखेड़े के परिवार के खिलाफ किसी भी तरीके से कोई बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए।
बता दें कि दरअसल समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर नवाब मलिक द्वारा लगातार कई आरोप लगाए जाते रहे हैं। जिसे देखते हुए समीर के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका डाली थी। जिसके बाद अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसी मामले में सुनवाई करते हुए नवाब मलिक को झटका दिया है और इस निर्देश के बाद नवाब मलिक अब समीर वानखेड़े के परिवार पर किसी तरह की बयानबाजी नहीं कर पाएंगे।
9 दिसंबर तक लगी रोक…
बता दें कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक 9 दिसंबर तक नवाब मलिक अब वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कोई पोस्ट शेयर नहीं करेंगे। कोर्ट की तरफ से ना सिर्फ नवाब मलिक को झटका दिया गया है, बल्कि तल्ख अंदाज में ये तक कहा गया कि ऐसी बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती।
मलिक का आरोप वानखेड़े ने तैयार किया मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट…
वहीं दूसरी तरफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को समीर वानखेड़े पर एक और निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े ने अपनी मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवाया। उन्होंने वानखेड़े की मां के मृत्यु प्रमाण पत्र को साझा करते हुए आरोप लगाया कि एनसीबी अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। मलिक ने आरोप लगाया कि जाहिदा दाऊद वानखेड़े के दो मृत्यु प्रमाण पत्र हैं और दोनों अलग-अलग धर्म के हैं।
एक और फर्जीवाड़ा,
अंतिम संस्कार के लिए मुसलमान और सरकारी दस्तावेज के लिए हिन्दू ?
धन्य है Dawood Dnyandeo pic.twitter.com/uuM58cjfru— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) November 25, 2021
वानखेड़े के पिता की यह है मांग…
इसके अलावा वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय में मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें अन्य बातों के अलावा, मंत्री को उनके और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक बयान पोस्ट करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।
मालूम हो कि ज्ञानदेव वानखेड़े ने भी 1.25 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की है। वहीं इससे पहले 22 नवंबर को कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। उस दौरान वानखेड़े की याचिका पर अदालत ने कहा था कि डिफिडेंट (नवाब मालिक ) को राइट टू स्पीच का अधिकार है। वहीं अब वानखेड़े परिवार को बड़ी बढ़त कोर्ट की तरफ से मिली है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि क्या नवाब मलिक कोर्ट की आज्ञा का पालन करते हैं या उसकी भी अवहेलना कर जाएंगे?