कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब चुनाव में विलेन बनाना चाह रही है कांग्रेस। जानिए कैसे…
कांग्रेस ने पंजाब फ़तह के लिए बनाई नई रणनीति, जानिए इसका कैप्टन अमरिंदर सिंह से क्या है कनेक्शन...
पंजाब विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे क़रीब आ रहा है। वैसे- वैसे सभी राजनीतिक दल अपने नफ़ा-नुकसान को देखते हुए चुनावी रणनीति तैयार करने में लगें हुए हैं। अरविंद केजरीवाल ने फ़्री बिजली और महिलाओं को एक-एक हज़ार रुपए देने की बात कही है। तो वहीं अब कांंग्रेस पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति अपनी नीति में बदलाव करती हुई नज़र आ रही है।
जी हां मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उनके खिलाफ विशेष रणनीति तैयार की जा रही है और यही कारण है कि पंजाब कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर पर सीधा हमला न करने के फैसले से पीछे हटने लगी है।
बता दें कि दरअसल कांग्रेस ने कभी अपनी ही राज्य सरकार के मुखिया रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह को ‘विलेन’ बनाने की तैयारी की है और वह इसके लिए अपनी पार्टी की ही सरकार के साढ़े चार साल को आधार बनाएगी। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के लिए यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। लेकिन हालिया स्थिति तो यही नज़र आ रही है कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह को ‘विलेन’ बनाकर सत्ता में वापसी की जुगत लगा रही है।
गौरतलब हो कि कांग्रेस ने पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधा हमला न करने का फैसला किया था और इसी कारण केवल कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी परगट सिंह और कुछ गिने-चुने लोग ही कैप्टन पर हमला कर रहे थे। लेकिन, अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कैप्टन अमरिंदर पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। लेकिन मालूम हो कि कैप्टन ने भी उसी अंदाज में चन्नी को जवाब दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ संदेश दिया कि, “जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरे घरों पर पत्थर नहीं फेंकते।” वहीं मुख्यमंत्री चन्नी अब तक कैप्टन पर सीधा हमला करने से बचते रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान भी चाहती है कि 2022 के विधान सभा चुनाव को देखते हुए कैप्टन को ही ‘विलेन’ बनाया जाए।
चन्नी ने मंगलवार को नवांशहर में कैप्टन पर मुख्यमंत्री रहते हुए बादलों के साथ सांठ-गांठ करने के आरोप लगाए थे। वहीं इसमें अहम बात यह है कि एक दिन पहले मुख्यमंत्री चन्नी, प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश चौधरी की दिल्ली में पार्टी हाईकमान के साथ बैठक हुई थी। जिसमें पंजाब के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा भी हुई थी।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी के नेताओं को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि वे कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें। हालांकि हरीश चौधरी के इस निर्देश को सिद्धू समर्थक मंत्रियों परगट सिंह और राजा वडिंग ने नहीं माना था और वे समय-समय पर कैप्टन पर बादलों के साथ मिलीभगत करने के आरोप लगाते ही रहे थे।
इस दौरान सीएम चन्नी ने कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी से खुद को दूर रखा था। लेकिन चन्नी द्वारा अब कैप्टन पर हमला करने से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि हाईकमान चाहता है कि अगर सरकार के प्रति ‘एंटी इनकम्बेंसी’ को कम करना है तो उन्हें कैप्टन के ऊपर आक्रामक होना ही पड़ेगा।
ऐसे में गौरतलब हो कि कांग्रेस भले ही आने वाले दिनों में कैप्टन के प्रति आक्रामक रुख अपनाए लेकिन उसकी चिंता इस बात को लेकर भी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास काफी ऐसा ‘मैटेरियल’ है जिसके उजागर होने से कांग्रेस की चुनाव में परेशानी बढ़ सख्ती है। वहीं कैप्टन ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए सोनिया गांधी को लिखे पत्र में भी इस बात के साफ़ संकेत दे दिए थे।
अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट लिखा था कि कांग्रेस के कई मंत्री व विधायक अवैध रेत खनन मामले में लिप्त थे लेकिन पार्टी की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इन नामों को उजागर नहीं किया। जबकि, उनके पास बतौर गृह मंत्री विभिन्न एजेंसियां इस बात की जानकारी भेजती थी।
I have today sent my resignation to @INCIndia President Ms Sonia Gandhi ji, listing my reasons for the resignation.
‘Punjab Lok Congress’ is the name of the new party. The registration is pending approval with the @ECISVEEP. The party symbol will be approved later. pic.twitter.com/Ha7f5HKouq
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 2, 2021
वहीं, रेत-बजरी पिछले 10 वर्षों से पंजाब में राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। रेत-बजरी का मुद्दा जहां पिछली अकाली सरकार पर भारी पड़ा था। वहीं, कांग्रेस के शासन में भी यह मुद्दा गर्म है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने घोषणा की कि रेत लोगों को 5 रुपये प्रति फीट मिलेगी। हालांकि बाद में नवजोत सिंह सिद्धू ने ही कह दिया कि रेत सस्ती नहीं हुई है।
वहीं, चन्नी के हमले के बाद कैप्टन ने भी इस बात के संकेत दे दिए कि वह चुप बैठने वाले नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कह दिया कि किस प्रकार से उन्होंने अपने भाई को लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले से बचाने के लिए बादलों के आगे समर्पण कर दिया था। ऐसे में कांग्रेस की कैप्टन पर हमला करने की नीति उनके लिए आगामी समय में परेशानी का सबक बन सकती है, यह तो तय मानिए। बस इससे नुकसान कितना होता है, यह तो समय ही बताएगा।