स्मृति ईरानी को The Kapil Sharma Show के गार्ड ने नहीं पहचाना, वापस लौटना पड़ा
बिना शूटिंग किए ही वापस लौटीं केंद्रीय मंत्री, उनके साथ सेट पर जो हुआ वो कभी नहीं भूल सकती
हिंदी दर्शकों के दिलों पर राज करने वाला कॉमेडी शो कपिल शर्मा शो का क्रेज ही अलग है। इसमें शामिल होने के लिए कई अभिनेता, खिलाड़ी और सेलिब्रिटीज लालायित रहते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण है, इस शो का टीआरपी। जबरदस्त टीआरपी वाले इस शो में ऐसा क्या हुआ कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी अंदर जाने से रोक दिया गया। स्मृति ईरानी को दरवाजे पर रोकने के बाद क्या हुआ पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
दरअसल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में लाल सलाम नाम से पुस्तक लिखी हैं। इस पुस्तक के प्रमोशन के लिए स्मृति ईरानी कई कार्यक्रम कर रही हैं। इसी कड़ी में उन्हे कपिल शर्मा शो में जाना था। दरअसल पुस्तक के प्रमोशन के लिए जैसे ही कपिल शर्मा शो के सेट पर जाने के लिए स्मृति ईरानी पहुंची, वहां गार्ड ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया।
कपिल शर्मा शो के गार्ड ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर स्मृति ईरानी भड़क गई और बिना शो सूट किए ही वापस आ गईं। इस दौरान स्मृति ईरानी के ड्राइवर और उस गार्ड के बीच भी बहस हुई। यह शो बुधवार को प्रसारित होना था लेकिन इस गलतफहमी के कारण एपिसोड की शूटिंग नहीं हो पाई। The Kapil Sharma Show के गार्ड और स्मृति ईरानी के ड्राइवर के बीच हुई गलतफहमी के कारण यह विवाद बढ़ गया।
जानकारी के मुताबिक स्मृति ईरानी अपने ड्राइवर और 2 लोगों के साथ कपिल शर्मा शो के सेट पर शूटिंग के लिए गई थीं। स्मृति ईरानी जैसे ही सेट के दरवाजे पर पहुंची, वहां मौजूद गार्ड ने अंदर जाने से रोक दिया। इस पर स्मृति ईरानी ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री हूं और और मुझे इस शो पर बुलाया गया है, लेकिन गार्ड ने इस पर जवाब दिया कि हमें अंदर से इस पर कोई आदेश नहीं मिला है।
ठीक उसी समय एक फूड डिलीवरी ब्वॉय वहां पहुंचा और बिना किसी रोक-टोक के सीधे अंदर चला गया यह देखकर केंद्रीय मंत्री को गुस्सा आ गया और भड़क कर बिना शूटिंग किए ही वापस लौट गईं।
जानिए स्मृति ईरानी की पुस्तक “लाल सलाम” के बारे में
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘लाल सलाम’ नाम की किताब लिखी है। यह 29 नवंबर को बाजार में आएगी। यह पुस्तक अप्रैल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुई केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 76 जवानों की हत्या से प्रेरित है और यह देश सेवा के लिए खासकर नक्सली इलाकों में जिंदगी खपाने वालों पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि है।
ईरानी ने अपनी इस पुस्तक के बारे में कहा, “यह कहानी अक्सर मेरे दिमाग में घूमती रहती थी। अंततः मैं इसे लिखने से खुद को रोक नहीं सकी। मैं उम्मीद करती हूं कि पाठक इसका का लुत्फ उठाएंगे और उस चीज को समझ पाएंगे जिसके बारे में बहुत कम लिखा गया है।” लाल सलाम एक युवा अधिकारी विक्रम प्रताप सिंह की कहानी है जो अंदरखाने की राजनीति और भ्रष्टाचार में उलझे तंत्र की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का मुकाबला करता है।