राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को दिया अल्टीमेटम…कहा- 26 जनवरी तक मांग पूरी करो वरना…
पीएम पर भी टिकैत को नहीं है भरोसा, फिर इसके बात पर सरकार क्यों करे विश्वास
किसान नेता के नाम पर सह और मात का खेल- खेल रहे राकेश टिकैत ने अब सीधे प्रधानमंत्री से पंगा मोल लिया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। टिकैत ने क्या अल्टीमेटम दिया है और फिलहाल कुछ दिनों में किसानों की क्या गतिविधियां रहने वाली है इसके बारे में बताते हैं।
किसान आंदोलन के नाम पर देश में शुरू हुए प्रदर्शन में रोज नई-नई मांगे उठ रही हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहा राकेश टिकैत सरकार को खुली चुनौती दे रहा है। कृषि कानून के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन में शुरुआती डिमांड इस कानून को वापस लेने की थी। प्रधानमंत्री ने इसे कुछ दिन पहले वापस लेने की घोषणा भी कर दी।
बुधवार को इसे कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी और अब इस कानून को वापस लेने का बिल संसद में भी पेश होने वाला है लेकिन टिकैत सरीखे नेताओं को देश के चुने हुए प्रधानमंत्री के शब्दों पर भी भरोसा नहीं हैं। उसने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए सरकार को सीधे चुनौती दे डाली।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को सीधे धमकी देते हुए कहा है कि अगर 26 जनवरी से पहले सरकार किसानों की मांग मान लेती है तो हम दिल्ली बॉर्डर खाली कर देंगे। राकेश टिकैत को इतना भी नहीं पता कि कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया में समय लगता है, उसे क्या… उसे तो किसानों को भड़काना है। इशारों-इशारों में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए टिकैत ने कहा है कि 26 जनवरी से पहले हमारी मांगे मान लो वरना हम बॉर्डर खाली नहीं करेंगे।
दिल्ली पुलिस से बिना अनुमति लिए राकेश टिकैत ने 30 ट्रैक्टर के साथ संसद भवन पर मार्च करने का भी धमकी दे डाला है । चुनावी दांव पेच के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि इस विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे। हंगामा और प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों की जो 6 डिमांड कुकुरमुत्ते की तरह उत्पन्न हुई है पहले उसके बारे में जान लीजिए फिर उसके ट्रैक्टर रैली के बारे में भी बताएंगे।
किसानों का 6 डिमांड
- न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर सरकार गारंटी दे
- किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस हो
- गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से बर्खास्त किया जाए
- आंदोलन में मरे 700 किसानों को मुआवजा दिया जाए
- पराली जलाने का कानून वापस लिया जाए
- बिजली बिल में जल्द सुधार किया जाए
यही नहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो टिकैत ने सरकार के सामने एक और मांग रख दी है। उसने कहा है कि बीजेपी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में 1 जनवरी 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी जो पूरी नहीं कर पाई, 1 जनवरी से किसानों की मांग में यह भी जुड़ जाएगा। आए दिन बढ़ रहे डिमांड को देखकर राकेश टिकैत और किसानों की आड़ में खेल, खेल रहे इन प्रदर्शनकारियों को समझाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा है।
अब किसानों के ट्रैक्टर मार्च प्लान के बारे में भी जान लीजिए। 29 नवंबर से दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की योजना बना रहे हैं किसान। आपको बता दें कि 29 नवंबर से संसद सत्र चलने के दौरान ट्रैक्टर मार्च करने की योजना बना रहे हैं कुछ किसान। BKU के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि किसानों के संसद मार्च में 30 ट्रैक्टर शामिल होंगे इसमें कम से कम 500 किसान हिस्सा लेंगे।
जो रास्ते दिल्ली पुलिस ने आम जनता के लिए खोले हैं शायद उस रास्ते को बंद करने के मकसद से 30 ट्रैक्टरों का जत्था निकाला जाएगा। राकेश टिकैत ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि हम नहीं चाहते हैं कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर 26 जनवरी तक रूके।