गोली लगने के बावजूद भी आतंकी को मारने में सफल रहे थे जाकिर हुसैन, अब मिला शौर्य चक्र। जानिए…
अक़्सर आपने सुना या टीवी पर देखा होगा कि कैसे एक वीर सैनिक अपना सबकुछ दांव पर लगाकर देश की रक्षा करता है। जी हां ऐसे ही एक वीर सपूत थे कॉन्स्टेबल जाकिर हुसैन। जिन्होंने गोली लगने के बाद भी आतंकियों से लोहा लिया और आतंकियों के ढेर होने तक डटे रहे। तो आइए जानते हैं इन्हीं से जुड़ी कहानी…
गौरतलब हो कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 22 नवंबर 2021 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह- II में कई शूरवीर जवानों को सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन को मरणोपरांत सरकार के शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इस मौके पर उनकी पत्नी मौजूद रहीं। वहीं हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
President Kovind presents Shaurya Chakra to Shri Imran Hussain Tak (Posthumous), Sub Inspector, J&K Police . He displayed heroic action, indomitable spirit, exceptional bravery, utmost commitment to duty in fighting with terrorists and made supreme sacrifice for the nation. pic.twitter.com/fYNEv1nCjh
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 22, 2021
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल जाकिर हुसैन को सोमवार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। जाकिर हुसैन सीआरपीएफ की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने सितंबर 2018 में एक मकान के पीछे छिपे जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। वहीं गोली लगने के बावजूद हुसैन तब तक एनकाउंटर स्थल पर डटे रहे जब तक कि तीनों आतंकवादी ढेर नहीं हो गए।
President Kovind presents Shaurya Chakra to Constable Zaker Hussain, CRPF. Like a true soldier and battle-mate, he fought along with his commander without caring for his life. He displayed exemplary bravery in keeping with the highest tradition of the force. pic.twitter.com/WW117sDKxw
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 22, 2021
गौरतलब हो कि, 13 सितंबर 2018 को 10 बजकर 55 मिनट पर धीरती गांव के एक मकान में 3 आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सीआरपीएफ की एक टीम आतंकियों से मुकाबला करने के लिए निकल पड़ी थी, जिसमें कॉन्स्टेबल जाकिर हुसैन भी शामिल थे। एनकाउंटर के दौरान आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला कर दिया और गोलीबारी शुरू कर दी। सीआरपीएफ की टीम ने आतंकियों पर जवाबी हमला किया।
इसी दौरान टीम में शामिल उपकमांडेंट हर्षपाल सिंह के साथ मिलकर जाकिर हुसैन ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। वहीं दो अन्य घायल हो गए। जाकिर हुसैन और हर्षपाल सिंह को भी गोली लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं अब कॉन्स्टेबल जाकिर हुसैन की इस अप्रतिम वीरता को देखते हुए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया।