मुस्लिम लड़के के प्यार में लड़की ने पहले परिजनों को मनाया, लेकिन एक संत महात्मा ने मन बदल दिया
लड़की की जिद्द के आगे परिजन मुस्लिम लड़के से शादी करवाने को हुए तैयार, शादी के कार्ड भी छाप चुके थे लेकिन ..
सोशल मीडिया पर अक़्सर कोई न कोई ख़बर प्रचारित-प्रसारित होती रहती है। जी हां कई बार सोशल मीडिया पर नकारात्मक खबरें देखने पढ़ने को मिलती है, तो कई बार कुछ अच्छी-सकारात्मक खबरें भी देखने को मिल जाती है। ऐसी ही एक ख़बर आज़कल काफ़ी सुर्खियों में है। बता दें कि धर्मांतरण की कई घटनाएं आपने अपने आसपास सुनी या देखी होगी और इतना ही नहीं लव-जिहाद का मुद्दा आए दिन देश में सुर्खियां बटोरता है। ऐसा ही कुछ कर्नाटक के मैंगलुरु में देखने को मिलने वाला था।
जी हां गौरतलब हो कि एक डॉक्टर हिंदू लड़की एक डॉक्टर मुस्लिम के साथ विवाह करने जा रही थी और लड़की के जिद्द के आगे घर वाले भी झुक गए थे और उन्होंने विवाह की अनुमति भी दे दी थी, लेकिन फ़िर कुछ ऐसा हुआ कि लड़की का ह्रदय परिवर्तन हो गया और उसने मुस्लिम धर्म में शादी करने से मना कर दिया। आइए जानते हैं इसी से जुड़ी पूरी कहानी…
लड़की की जिद्द के आगे परिजन मुस्लिम लड़के से शादी करवाने को हुए तैयार…
बता दें कि हिन्दू डॉक्टर लड़की न सिर्फ़ ख़ुद मुस्लिम लड़के के प्रेम-जाल में फंस गई, बल्कि उसने किसी तरीके से पहले अपने परिजनों को भी शादी के लिए मनाया। फिर लड़की के परिजन भी शादी को तैयार हो गए। शादी की डेट भी फ़िक्स कर दी गई, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि लड़की का ह्रदय परिवर्तित हो गया।
विवाह का कार्ड भी छप गया था, फिर लड़की ने मुस्लिम से शादी करने से किया मना…
गौरतलब हो कि इसी बीच इस बात की खबर एक स्थानीय हिंदू संत वज्रदेही महाराज को लगी। जिसके बाद वह उक्त लड़की के घर गए और उसको हिंदू धर्म के बारे में समझाया। ऐसे में लड़की ने जब संत के मुख से हिन्दू धर्म की महानता के बारे में सुना, तो उसने न सिर्फ़ शादी करने से मना किया, बल्कि लड़की को बहुत पछतावा हुआ और उसने अपना निर्णय बदल लिया।
पवित्र जल से संत ने लड़की को आचमन कराया…
वहीं जब लड़की ने मुस्लिम लड़के से शादी का विचार त्याग दिया, उसके बाद संत वज्रदेही ने अपने साथ लाएं जल से लड़की को आचमन कराया और उसे और उसके मन की शुद्धि की। ऐसे में जबसे यह मुद्दा निकलकर सामने आया है। तभी से सोशल मीडिया पर इस संत की तारीफ़ें की जा रही है। कई यूज़र्स कह रहे है कि काश! ऐसे संत और भी होते जो इस तरह का काम करते।