बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया और साथ ही साथ कहा है कि आने वाले संसदीय सत्र में वह इसे वापस लेने की प्रक्रिया करेंगे।
वहीं दूसरी तरफ़ किसानों का कहना है कि जब तक संसद में इसकी वापसी नहीं हो जाती है वह आंदोलन को खत्म नहीं करने वाले हैं। इसी बीच कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी अंजना ओम कश्यप को इंटरव्यू दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री को समझाने में नाकाम रहे थे, जिससे कृषि कानूनों की वापसी में इतना वक्त लगा।
वैसे यह पहली मर्तबा है। जब राकेश टिकैत इतनी शालीन भाषा में बात करते हुए नज़र आए और ऐसे में इस बात पर अंजना ओम कश्यप ने भी उन्हें घेरने का मौका नहीं छोड़ा। गौरतलब हो कि राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि, “कोई बात अगर समाधान की ओर जा रही है तो टेबल पर उसे फाइनल टच दिया जाएगा। इसके अलावा और भी कई मसले हैं। आंदोलन में किसानों की शहादत हुई, किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए। सीड बिल का मामला है, दूध की पॉलिसी क्या होगी, ऐसे बहुत से सवाल हैं।”
वहीं राकेश टिकैत से अंजना ओम कश्यप ने पूछा कि, “जब पीएम मोदी ने संबोधन में कृषि कानूनों को वापस लिया तो आप चौंक गए, उस बात से खुश हुए, पीएम की बात पर भरोसा है आपको? क्या आपको उम्मीद थी?” इसपर किसान नेता ने कहा कि, “तीनों की उम्मीद नहीं थी, लेकिन दो का लगता था। तीनों उन्होंने वापसी तो लिए, लेकिन एमएसपी पर कानून नहीं लाए।”
‘आजतक’ से बोले @RakeshTikaitBKU – ‘पीएम ने टीवी पर आकर सिर्फ अपनी बात कह दी, हमारे मसलों पर बातचीत कौन करेगा?’ #हल्ला_बोल #FarmLaws #FarmersProtest #RakeshTikait (@anjanaomkashyap) pic.twitter.com/5aW72pfc7V
— AajTak (@aajtak) November 20, 2021
इतना ही नहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, “एकदम से कानून वापस लिया और किसी को कुछ अता-पता नहीं तो चौंकाते तो हैं ये। पहले नोटबंदी में चौंकाया था। कुछ लोग आते थे आंदोलन में, या तो वे प्रधानमंत्री को समझाने में नाकाम रहे। इसलिए ही इतना लंबा वक्त लगा। अगर यही बात वह पहले समझा देते तो किसानों की शहादत नहीं होती।” इस बात पर राकेश टिकैत को घेरते हुए अंजना ओम कश्यप ने कहा कि, “आप तो पीएम मोदी की ही भाषा बोल रहे हैं।”
ऐसे में राकेश टिकैत यहीं नहीं रुके। उन्होंने पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हम तो कह रहे हैं कि सरकार बातचीत करे। कमेटी जो भी निर्णय लेगी, वो तय करती रहेगी। सरकारी टीवी पर बोल दिया और देश ने सभी चीजें मान लीं। वो क्या दिखाना चाहते हैं किसानों को? आप बातचीत के लिए टेबल पर आओ और बताओ कि ये-ये चीजें होनी हैं।”
वहीं इसपर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि, “ये तो बढ़िया है ना कि टीवी पर आकर कहा, वरना टेबल पर बातचीत होती तो आप लोग बाद में कहते कि कोई प्रूफ नहीं बचा।” इसका जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा कि, “ऐसे कोई नहीं जा सकता, ये तो एकतरफा हो गया कि मैंने जो कह दिया फाइनल और दूसरों की सुननी नहीं है। हम भी तो सवाल करना चाहते हैं, उत्तर भी आपका जवाब भी आपका।”
कृषि कानूनों की वापसी के वक्त मोदी ने कही थी ये बात…
वहीं बता दें कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से बीते दिनों कहा कि, शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके चलते दिए के प्रकाश जैसा सत्य, कुछ किसान भाईयों को हम समझा नहीं पाए। गुरु नानक जी प्रकाश पर्व पर आज मैं आपको, पूरे देश को बताने आया हूं कि हमारी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। वहीं अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, “इसी महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस (Repeal) लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”