आपकी डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन, इन 7 लक्षणों से पहचाने
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। वह जल्द से जल्द अपने बच्चे के पैदा होने का इंतजार करती है। महिलाओं की डिलीवरी दो प्रकार की होती है। पहली नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) और दूसरी सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean Delivery)। आज के जमाने में बहुत सी महिलाएं सिजेरियन डिलीवरी से ही बच्चे को जन्म देना पसंद करती हैं। इसकी वजह ये है कि इसमें महिला को कोई दर्द नहीं होता है। उसे बच्चा पैदा करने के लिए कोई मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं के लिए नॉर्मल डिलीवरी बेस्ट होती है। हालांकि कई बार कुछ हेल्थ प्रॉब्लम के चलते डॉक्टर्स को डिलीवरी के लिए ऑपरेशन का ही सहारा लेना पड़ता है। डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन इसे लेकर महिलाओं में उत्सुकता बनी रहती है। ऐसे में आज हम आपको शरीर के उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो नॉर्मल डिलीवरी की ओर इशारा करते हैं। इन संकेतों से आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपकी डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन।
सिजेरियन डिलीवरी क्या होती है?
जब महिलाएं प्राकृतिक तरीके से बच्चे को यौनि से बाहर नहीं निकाल पाती है तो डॉक्टर्स सर्जरी के माध्यम से महिला के पेट से बच्चा बाहर निकालते हैं। इस प्रक्रिया को सिजेरियन डिलीवरी कहा जाता है। ऐसी डिलीवरी के लिए महिलाओं को समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। इसमें महिलाओं को कई जाँचों से होकर भी गुजरना पड़ता है। सिजेरियन डिलीवरी में महिलाओं के रिकवर होने का टाइम भी अधिक होता है। उन्हें नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में पूर्ण रूप से सेहतमंद होने में ज्यादा समय लगता है।
नॉर्मल डिलीवरी क्या होती है?
महिलाएं जब वजाइना (यौनि द्वार) से ही बच्चे को जन्म देती है और किसी भी प्रकार की सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती, तो इसे नॉर्मल डिलीवरी कहा जाता है। नॉर्मल डिलीवरी महिलाओं के लिए बेस्ट मानी जाती है। ये बच्चा पैदा करने का नेचरल तरीका भी है। इस प्रकार की डिलीवरी में महिलाओं रिकवर होने में कम समय लगता है। वह सिजेरियन डिलीवरी की तुलना में जल्दी हेल्थी हो जाती हैं। इसलिए आपकी भी पहली कोशिश नॉर्मल डिलीवरी करने की होनी चाहिए।
नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण
तय डिलीवरी डेट से कुछ सप्ताह पहले महिलाओं को अपने शरीर में बदलाव नजर आते हैं। हालांकि हर महिला में प्रेग्नेंसी के लक्षण और समस्याएं अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में उनमें डिलीवरी के लक्षण एवं संकेत भी अलग हो सकते हैं। सामान्यतः प्रसव से एक से चार हफ्ते पहले नॉर्मल डिलीवरी के ऐसे संकेत मिल सकते हैं।
1. शिशु के सिर से वजाइना पर अधिक प्रेशर पड़ना, जिसकी वजह से यूरिन का बार-बार आना।
2. पीठ के निचले हिस्से के जोड़ों और मांसपेशियों में अधिक तनाव का एहसास, पीठ में एठन और दर्द का होना।
3. पेल्विक हिस्से में शिशु के आ जाने के चलते उसकी मूवमेंट में कमी दिखना।
4. गर्भाशय ग्रीवा का चौड़ा हो जाना।
5. गुदा की मांसपेशियों का रिलैक्स होना, जिसके चलते पतला मल आना।
6. रिलैक्सिन हार्मोन पेल्विक हिस्से के जोड़ों और लिगामेंट का रिलैक्स एवं मुलायम होने से जोड़ ढीले महसूस होना।
7. ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन अर्थात डिलीवरी से पहले प्रसव जैसा दर्द या संकुचन होना।