पापा गंदे आदमी हैं.. 2 साल की बेटी ने बताई बलात्कारी बाप की काली करतूत
कलयुगी बाप ने किया 2 साल की बेटी का रेप, दर्द से कराहती बच्ची ने मां को सुनाई आपबीती
एक पिता और बेटी का रिश्ता पवित्र माना जाता है। बेटी अपने पिता को अपने रक्षक के रूप में देखती है। एक पिता का कर्तव्य होता है कि वह अपनी बेटी को जीवन की हर मुसीबत से बचाए। लेकिन क्या होगा जब पिता खुद ही मुसीबत बन जाए। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में लोग उस समय हैरान रह गए जब एक पिता रक्षक से भक्षक बन गया। उसने अपनी ही दो साल की बेटी का यौन शोषण किया। इसके बाद जब बेटी ने पिता को लेकर कोर्ट में बयान दिया तो हर किसी की आंखें नम हो गई।
बेटी को घर में अकेला देख बिगड़ी पिता की नियत
यह चौंकाने वाला मामला पिछले साल जनवरी का है, लेकिन आरोपी पिता को सजा अब मिली है। पिता की उम्र 32 वर्ष बताई जा रही है। उस पर अपनी ही दो साल की मासूम बेटी से दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। पिता ने इस हैवानियत तो तब अंजाम दिया जब पीड़ित बच्ची की माँ घर पर नहीं थी। उसने बेटी को अकेला देख अपनी हवस का शिकार बनाया।
दर्द से कराहती बच्ची ने मां को सुनाई आपबीती
मां जब घर वापस लौटी तो उसकी दो साल की बेटी दर्द से कराह रही थी। बेटी की यह हालत देख मां दंग रह गई। जब उसने बेटी से इस दर्द की वजह पूछी तो उसने पिता की काली करतूत बताई। पिता के दुष्कर्म के चलते बच्ची का नाजुक अंग भी जखमी हो गया। इसके बाद महिला ने अपने पति के खिलाफ केस दर्ज किया।
कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा
इस मामले में इंदौर के विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवास्तव ने आरोपी पिता को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के संबद्ध प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। उन्होंने इस केस में आरोपी पिता को 20 साल की जेल की सजा सुनाई।
बच्ची बोली- पापा गंदे आदमी हैं
आरोपी पिता को सजा बच्ची के बयान के बाद मिली। बच्ची को कोर्ट में पेश किया गया। जहां उसने जज के सामने कहा कि “पापा गंदे आदमी हैं।” बच्ची की यह बात सुन वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। किसी को यकीन नहीं हुआ कि एक पिता अपनी फूल सी नाजुक बच्ची के साथ ऐसा भी कर सकता है।
ये काफी दुखद है कि छोटी-छोटी बच्चियों को भी यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। जब भी किसी नाबालिग बच्चे से दुष्कर्म होता है तो अधिकतर मामलों में अपराधी बच्ची का कोई जान-पहचान वाला ही निकलता है। इस तरह के केसों में ज्यादातर आरोपी रिश्तेदार, पड़ोसी या टीचर निकलते हैं। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए बच्चों की एक्स्ट्रा निगरानी रखी जानी चाहिए। साथ ही उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में भी बताना चाहिए।