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चीन की धमकी : मोदी-ट्रंप की दोस्ती के होंगे विनाशकारी नतीजे, याद रखें 1962 की जंग!

नई दिल्ली भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बढ़ती दोस्ती से चीन की नीदें उड़ गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के खास आमंत्रण पर व्हाइट हाउस पहुंचे थे, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया से मुलाकात की। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते मजबूत रिश्तों के वजह से चीन को अपने ऊपर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि मोदी-ट्रंप मुलाकात पर चीन की मीडिया ने भारत को चेतावनी भी दी है। India us alliance destructive result.

मोदी-ट्रंप की दोस्ती से परेशान हुआ चीन :

दरअसल, मोदी-ट्रंप की मुलाकात और दोनों के बीच दोस्ती को और गहरा होता देख चीन के सरकारी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने लिखा है कि चीन की बढ़ती ताकत से अमेरिका और भारत दोनों चिंतित हैं। पिछले कुछ साल से चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका ने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।

चीनी मीडिया ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्तों पर निशाना साधते हुए कहा है कि अमेरिका का साथ लेकर भारत का चीन से आगे बढ़ने की कोशिश करना भारत के लिए अच्छा नहीं है और ऐसा करना भारत के लिए विनाशकारी हो सकता है। भारत अपनी गुटनिरपेक्ष नीति को छोड़कर चीन का मुकाबला करने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए वो अमेरिका का साथ दे रहा है।

चीन ने कहा : याद रखें 1962 की जंग :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी यात्रा से चीन को परेशानी हो रही है। चीनी मीडिया ने भारत को 1960 के दशक का उदाहरण देते हुए लिखा है कि 1950 के अंत से 1960 की शुरुआत तक, सोवियत संघ और अमेरिका दोनों ने चीन के खिलाफ ‘भारत’ का इस्तेमाल किया।

दोनों देशों ने भारत की नीतियों का समर्थन किया था, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। अखबार ने 1962 में चीन और भारत के बीच हुए युद्ध में भारत की हार का भी जिक्र किया है। उसने ये भी लिखा है कि भारत, चीन का मुकाबला नहीं कर सकता। भारत को चीन के साथ संबंध मजबूत करना चाहिए, क्योंकि यह उसकी सुरक्षा और विकास दोनों के लिए जरूरी है।

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