बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। अब एक बार फिर पूर्व मेदिनीपुर के भगवानपुर में भाजपा कार्यकर्ता भास्कर बेरा की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई जिसके बाद मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। भास्कर बेरा के परिजनों के मुताबिक, कल रात टीएमसी समर्थित कुछ लोग भास्कर बेरा को जंगल ले गए और वहां पर उस की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उधर टीएमसी ने इन सभी आरोपों को नकारा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जिले के एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से अब ये दूसरा मामला सामने आया है जो लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। ये घटना पूर्व मेदिनीपुर के बासुदेब बेरिया इलाके के खटियाल बूथ नंबर 114 पर हुई। कहा जा रहा है कि जंगल में ले जाकर भास्कर बेरा को लाठी से जमकर पीटा जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बीजेपी के जिला अध्यक्ष चंदन माहिती ने मृत भास्कर बेरा के परिवार का पूरा साथ दिया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग भी की है।
वहीं टीएमसी नेता का कहना है कि, तृणमूल कांग्रेस हत्या की राजनीति में विश्वास नहीं करती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें समाज में शांति और सद्भाव लाने के निर्देश दिए हैं। हमें उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए। हमें लोगों ने वोट दिए हैं हमें उनका विश्वास जीतना चाहिए और लोगों का विश्वास जीतने के लिए हमें हत्या करने की जरूरत नहीं है।
इसके अलावा टीएमसी नेता का कहना है कि बीजेपी हमेशा दूसरों पर आरोप लगाती है। इल्जाम लगाने से पहले उन्हें यह जरूर जान लेना चाहिए कि पार्टी के अंदर क्या हो रहा है? बिना सोचे समझे ही दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए। वहीं भास्कर बेरा की मौत को लेकर टीएमसी ने इन आरोपों से इन्कार किया है। नेता का कहना है कि मृत युवक शराबी था। किसी कारणवश उसकी कल रात मौत हो गई है। इस घटना से तृणमूल कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले उत्तरी दिनाजपुर जिले के इटाहार में एक युवा बीजेपी नेता मिथुन घोष की भी कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मिथुन घोष की हत्या राजग्राम गांव में उनके घर के सामने की गई थी। इस मामले को लेकर भी बीजेपी ने कहा था कि, मिथुन घोष की हत्या में तृणमूल कांग्रेस का हाथ है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले में भी इंकार कर दिया था। फ़िलहाल इस मामले को लेकर सीबीआई जांच कर रही है।