कंगना ने फिर छोड़े शब्दों के बाण, क्या ‘भारत-पाक बंटवारे में मारे गए 10 लाख लोगों को आजादी मिली?
कंगना वहाँ वार कर रही है जहां विरोधियों को सब से ज़्यादा तख़लीफ़ होता है, विरोधियों से पूछे ऐसे-ऐसे सवाल जिस का जवाब नहीं
आजादी को भीख बताने वाले बयान पर हिंदी सिनेमा की बेबाक अदाकारा कंगना रनौत विरोधियों के निशाने पर बनी हुई है. इस बड़े बयान पर उन्हें लोग एवं विपक्षी दल लगातार घेर रहै हैं. जबकि वे भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देती हुई नज़र आ रही है. एक के बाद एक कंगना रनौत शब्दों के तीखे बाण छोड़कर विरोधियों को चारो खाने चित कर रही है.
बता दें कि, हाल ही में उन्होंने कहा था कि साल 1947 में हमारे देश को जो आजादी मिली थी वो भीख में मिली हुई आजदी थी जबकि असली आजादी तो साल 2014 में मिली थी. उनके इस बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और एक्ट्रेस को हाल ही में मिले पद्मश्री सम्मान को भी वापस करने की मांग हो रही है.
अपने बयान पर विवाद बढ़ते देख कंगना ने यह तक कह दिया था कि वे अपना पद्मश्री वापस कर देगी लेकिन पहले उन्हें यह बताया जाए कि महात्मा गांधी ने भगत सिंह को मरने क्यों दिया. इसके साथ ही उन्होंने और भी कई सवाल किए थे. जबकि वे फिर से अपनी ताजा सोशल मीडिया पोस्ट के कारण सुर्ख़ियों में आ गई है.
कंगना ने अब अपनी एक हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में बीबीसी के 2015 के एक लेख के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए लिखा है कि, ”यह 2015 में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक लेख है, जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए कोई प्रतिपूर्ति नहीं करता है. अब आप बताइए कि ये गोरे उपनिवेशवादी या उनके हमदर्द आज के जमाने में इस तरह की बकवास से क्यों और कैसे दूर हो सकते हैं?
अगर आप इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसका जवाब मेरे टाइम्स नाउ समिट स्टेटमेंट (जहां कंगना ने आजादी भीख वाला बयान दिया था) में है.”
एक्ट्रेस आगे लिखती है कि, ”ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए, हमारे देश के धन को लूटने से लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने से लेकर हमारे देश को दो भागों में विभाजित करने के लिए, स्वतंत्रता के समय में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराया है.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अंग्रेजों ने अपनी शर्तों पर भारत को छोड़ दिया. विंस्टन चर्चिल को युद्ध नायक के रूप में उस वक्त सम्मानित किया गया. वह वही व्यक्ति था जो बंगाल के अकाल के लिए जिम्मेदार था. क्या उनके (अंग्रेजों) अपराधों के लिए स्वतंत्र भारत की अदालतों में कभी उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था? जवाब मिलेगा नहीं.”
कंगना ने आगे अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ”एक अंग्रेज श्वेत व्यक्ति सिरिल रैडक्लिफ, जो पहले कभी भारत नहीं आया था, केवल 5 सप्ताह में विभाजन की रेखा खींचने के लिए अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया था. कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ही उस समिति के सदस्य थे, जिसने अंग्रेजों द्वारा खींची गई विभाजन रेखा की शर्तों को तय किया. जिसके परिणामस्वरूप लगभग दस लाख लोग मारे गए. क्या दुखद रूप से मरने वालों को आजादी मिली?”
उन्होंने आगे लिखा कि, ”क्या ब्रिटिश या कांग्रेस, जो विभाजन रेखा से सहमत थे, विभाजन के बाद हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे? हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू की ओर से 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को एक पत्र है, जिसमें भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया है.
(पत्र मेरी पोस्ट की दूसरी छवि में पाया जा सकता है) यदि ऐसा कोई पत्र मौजूद है, तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया? यदि हां, तो कृपया बताएं कि मेरा कहना कैसे गलत है.”
अपनी बात खत्म करते हुए बॉलीवुड अदाकारा ने कहा कि, ”स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके परिणामस्वरूप दस लाख लोगों का नरसंहार होगा?
आखिर मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं. जय हिन्द.”