हिंदू धर्म को सबसे ज़्यादा सिनेमा से नुकसान, फिल्मों में ब्राह्मण नौकर और राजपूत बनते हैं शराबी – गजेंद्र चौहान
महाभारत के युधिष्ठिर ने कहा- हिंदू धर्म पर हमला कर रहा बॉलीवुड, हिंदू विरोधी फिल्मों का करें बहिष्कार
ऐतिहासिक धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभा चुके मशहूर अभिनेता गजेंद्र चौहान न हिंदू धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका मानना है कि हिंदू धर्म को सबसे अधिक नुकसान सिनेमा से है. उन्होंने कहा कि, फिल्मों में ब्राह्मण को नौकर दिखाया जाता है जबकि राजपूत शराबी की भूमिका में देखने को मिलते हैं.
गजेंद्र चौहना ने यह बड़ा बयान रविवार को वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित संस्कृति संसद में सदन में दिया. संस्कृति संसद का रविवार को आख़िरी दिन था. इस अवसर पर गजेंद्र चौहान ने हिस्सा लिया और उन्होंने हिंदू धर्म पर बात की. अभिनता ने कहा कि, फिल्में हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचा रहीं हैं.
गजेंद्र चौहान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, हमेशा ही फिल्मों में राजपूतों को शराबी और ब्राह्मणों को नौकर की भूमिका में दिखाया जाता है. जिससे कि भारत की संस्कृति को विकृत करने की कोशिश हो रही है. गजेंद्र चौहना ने यह तक कह दिया कि इस तरह की फिल्मों का बहिष्कार होना चाहिए. इसके लिए विरोध जताना होगा.
फिल्म इंडस्ट्री कर रही हिंदू धर्म पर प्रहार…
रविवार को अभिनेता गजेंद्र ने ‘कला-संस्कृति के आवरण में परोसी जा रही विकृति’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि, ऐसी फिल्मों को देखना बंद करना होगा जो हिंदू धर्म पर प्रहार कर रही है. इसके लिए विरोध जताना पड़ेगा. इससे तो अच्छा होगा कि किसी गरीब की मदद करके उसका भला किया जाए न कि हिंदू विरोधी फिल्मों में पैसा बर्बाद करें.
कैलाश से कन्याकुमारी तक का भारत हमारा होगा…
गजेंद्र चौहान ने इस दौरान पड़ोसी देश चीन को भी ललकारा और उसे चेतावनी देते हुए कहा कि, भविष्य में कैलाश से कन्याकुमारी तक का भारत हमारा होगा. उसे हम चीन से मुक्त कराएंगे. अभिनेता ने बताया कि, आज समापन सत्र में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया है.
संस्कृति संसद 2021 कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और अभिनेत्री रूपा गांगुली भी मौजूद रही. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ऐसी फिल्मो का हम सभी को खुलकर विरोध करना पड़ेगा जो हमारी भाषा और धर्म-संस्कृति पर प्रहार कर रही है.
नवदुर्गा की तरह हमारी संस्कृति के रूप अलग-अलग है लेकिन दुर्गा की तरह हमारी संस्कृति एक है. बता दें कि रूपा गांगुली महाभारत में द्रौपदी के किरदार में नजर आई थी और उन्हें इससे बड़ी लोकप्रियता मिली थी.
युवाओं को सिनेमा हॉल में जाने से रोकना होगा : निर्देशक दिलीप सूद
वहीं कार्यक्रम में मौजूद फिल्म निर्देशक दिलीप सूद ने संबोधन में युवाओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि, सबसे पहले युवाओं को सिनेमा हॉल में जाने से रोकने की आवश्यकता है. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि अश्लील और हिंदू संस्कृति विरोधी फिल्मों का विरोध करने का यह बेहतर तरीका है.
इस कार्यक्रम में प्रस्ताव गंगा महासभा के संरक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार द्वारा समान नागरिक संहिता जनसंख्या नियंत्रण, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक भेद के समापन, पूजा-स्थलों को प्राचीन मूल स्थिति में करने, फिल्मों में मान्यता और विश्वास विरोधी प्रस्तुति रोकने संबंधी कानून बनाने,
चीनी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी अपनाने, गंगा को अविरल और निर्मल बनाए रखने, पर्यावरण की रक्षा के लिए वृक्षारोपण व सनातन संस्कृति के अनुसार जीवन जीने संबंधी प्रस्ताव रखे गए थे जो कि सर्वसम्मति से स्वीकार हुए.