सरकार की NCR को 100 किलोमीटर तक में समेटने की तैयारी, 50 से 75 KM तक होगा छोटा, जानें क्यों ?
नई दिल्ली : सरकार एनसीआर का दायरा कम करने जा रही है जबकि पिछले दशकों में ताबड़तोड़ तरीके से इसे बढ़ाने पर चर्चा हुई और ऐलान भी हुआ हालांकि अब ऐसा नहीं होगा. आज के हालातों को ध्यान में रखते हुए अब NCR का दायरा कम किया जाएगा. बताया जा रहा है कि NCR को 50 से 75 किलोमीटर तक छोटा किया जा सकता है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आस-पास के 175 किलोमीटर क्षेत्र को दिल्ली-एनसीआर या NCR कहा जाता है. सरकार ‘रीजनल प्लान 2041’ को मंजूरी देती है तो फिर इस पर काम करते हुए NCR को 125 या 100 किलोमीटर के क्षेत्र तक ही सीमित तखा जाएगा.
आम लोगों से मांगी जाएगी राय…
बताया जा रहा है कि यह काम सरकार सीधे तौर पर नहीं करेगी पहले इसके लिए आम लोगों से भी राय मांगी जाएगी. लोगों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी जाएगी इसके बाद ही इस योजना पर कोई भी काम होगा. इस प्रक्रिया के बाद इस पर अंतिम फ़ैसला होगा. NCR के दायरे को कम करने का कार्य रीजनल प्लान 2041′ योजना के अंतर्गत किया जाएगा.
बता दें कि, मंगलवार को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को बैठक हुई थी और बैठक में अधिकारियों ने इस कार्य से संबंधित प्लान को मंजूरी दी है. जिससे यह माना जा रहा है कि अगर 50 किलोमीटर का दायरा सिकुड़ता है तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) 125 किलोमीटर रह जाएगा वहीं यह क्षेत्र 75 किलोमीटर तक कम होता है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र 100 किलोमीटर का रह जाएगा. NCR के दायरे को कम करने में ग्रामीण शहरों से अधिक सरकार शहरी इलाकों पर फोकस करेगी.
मंगलवार को हुई बोर्ड की बैठक के बाद अधिकारियों ने जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि, रीजनल प्लान 2041 को मंजूर करने के साथ ही 100 किलोमीटर से बाहर के इलाके एनसीआर में नहीं आएंगे. पीटीआई के हवाले से जानकारी सामने निकलर आई है कि जिन संबंधित क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा उस संबंध में फैसला उस क्षेत्र की राज्य सरकार लेगी. बता दें कि, दिल्ली के आस-पास के राज्य हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी आदि के कुछ हिस्सों पर इसका असर देखा जाएगा.
इस योजना के अंतर्गत सरकार का सीधा संबंध विकास की रफ़्तार को गति देना है और आने वाले समय को देखते हुए नई टेक्नोलॉजी को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना है. बोर्ड ने हरियाणा में बहादुरगढ़, पानीपत, रोहतक, पलवल, रेवाड़ी-धारूहेड़ा-बावल, यूपी में हापुड़-पिलखुआ, बुलंदशहर-खुर्जा, बागपत-बड़ौत, राजस्थान में अलवर, ग्रेटर भिवाड़ी और शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ आदि की पहचान मसौदे में रीजनल सेंटर के रूप में की है.