सुषमा स्वराज ने शुरू की थी आडवाणी के जन्मदिन पर यह ख़ास परंपरा, जिसे अब उनकी बेटी ने निभाया
बीते दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अपना 94 वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया। इस मौके पर बीजेपी के दिग्गज नेता को बधाई देने के लिए उनके घर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनीतिक शख्सियत पहुँचे।
वहीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी उन्हें बधाई देने के लिए पहुंची थीं। यहां वह अपनी मां के द्वारा शुरू की गई एक परंपरा के तहत चॉकलेट केक लेकर गई थीं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है। बता दें कि उन्होंने लाल कृष्णा आडवाणी के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है।
बांसुरी स्वराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “आदरणीय आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं। उनके आवास पर जाकर आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। मेरी मां सुषमा स्वराज द्वारा स्थापित मीठी प्रथा के अनुसार मैं उनका पसंदीदा चॉकलेट केक ले गई थी।”
आदरणीय #आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। अनकी दीर्घायु व स्वास्थ्य के लिये ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ। उनके आवास पर जाकर आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। मेरी माँ @SushmaSwaraj द्वारा स्थापित मीठी प्रथा के अनुसार मैं उनका पसंदीदा चॉकलेट केक ले गई थी।#LKAdvaniBirthday pic.twitter.com/h1x7yjbKKO
— Bansuri Swaraj (@BansuriSwaraj) November 8, 2021
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि सुषमा स्वराज का 6 अगस्त 2019 को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था। जिसके बाद उन्हें राजकीय सम्मान से विदाई दी गई थी। सुषमा स्वराज को सोमवार को मरणोपरांत ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को अवॉर्ड सौंपा। बांसुरी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया था।
मां को मिला पद्म विभूषण, तो बेटी ने ऐसे प्रकट किया आभार…
बता दें कि बांसुरी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, “मां आजीवन जन सेवा और लोक कल्याण में समर्पित थीं। आज महामहिम राष्ट्रपति जी ने उनकी तपस्या को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।” गौरतलब हो कि सुषमा स्वराज ने 25 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा था और उनके राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी ही थे। करीब चार दशक लंबे राजनीतिक जीवन में सुषमा स्वराज ने कई चुनाव लड़े और उनकी गिनती बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती थी।
इसके अलावा दूसरी ओर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और नितिन गडकरी ने उन्हें देश ही नहीं बल्कि पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए भी प्रेरणा बताया था। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लाल कृष्ण आडवाणी ने पार्टी की विचारधारा को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया और उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज देश के हर कोने में बीजेपी का कार्यकर्ता है।