दिवाली के अगले दिन प्रदूषण में 94% योगदान केवल इन 3 कारणों से रहा, लेकिन हम तो पटाखे को कोसेंगे
दिल्ली की आबोहवा खराब होने के पीछे का मुख्य कारण क्या है ?
दिवाली के दिन पटाखा रखने, इस्तेमाल करने या खरीदने बेचने के आरोप में करीब 300 लोगों पर एफ आई आर दर्ज किया गया, वही 150 की गिरफ्तारी हुई और पिछले चार-पांच दिनों में करीब 20000 किलो पटाखे जब्त किए गए। आप सब को भी लगता होगा कि अब हम अपने देश में ही दिवाली मनाने से इस प्रकार क्यों रोके जा रहे हैं ? आपको अपने ही देश में होली-दिवाली पर विभिन्न प्रतिबंधों का क्यों सामना करना पड़ रहा है?
दिवाली के अगले दिन दिल्ली के प्रदूषण में 36% योगदान पराली का , 30% योगदान निर्माण कार्य का और 28% योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का रहा ; यानी टोटल 94% प्रदूषण सिर्फ इन 3 कारणों से हुआ।
इस बार दिवाली के अगले दिन हमने पूरे उत्तर भारत में देखा कि प्रदूषण का लेवल बढ़ गया, जिसके लिए कई लोग दिवाली में जलाए गए पटाखे को जिम्मेदार बताने लगे । देश की राजधानी दिल्ली में भी शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। प्रदूषण में वृद्धि के लिए हिंदू विरोधियों ने दिवाली को एकमात्र कारण बताया लेकिन सच्चाई क्या है वह समझिए।
आपको बता दें कि दिल्ली में दिवाली के अगले दिन जो प्रदूषण रहा उसमें 36% योगदान पराली का 30 % योगदान कंस्ट्रक्शन वर्क का और 28 % योगदान गाड़ियों के कारण होने वाले प्रदूषण का; यानी कुल 94% जो प्रदूषण है उसका मेन कारण यह सिर्फ तीन चीजें हैं। इसके अलावा भी प्रदूषण के कई सारे फैक्टर जिम्मेवार होते हैं,
लेकिन हम उसको अभी फिलहाल नजरअंदाज भी कर दें तो दिल्ली में पटाखे के कारण केवल 6% प्रदूषण बढ़ा, लेकिन आपको ऐसा बताया जा रहा है जैसे शत-प्रतिशत प्रदूषण में सिर्फ पटाखे का ही योगदान रहा। यह हिंदू विरोधी एजेंडा नहीं तो और क्या है? ऐसे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को ही सुनिए।
उनकी बातों से लगेगा कि पटाखे के कारण दिल्ली में इतना प्रदूषण बढ़ गया। आप भी पिछले कई दिनों से सुन रहे होंगे कि इस बार दिवाली पर पटाखे नहीं जलाने। कई सेलिब्रिटीज आकर ज्ञान दे रहे होंगे – पटाखे जलाने से प्रदूषण होता है। कई लोग सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर कह रहे होंगे कि इस बार पटाखा बैन है इस कारण से आपको पटाखे नहीं छोड़ना चाहिए।
कुछ छुटभैया नेता भी आपको ज्ञान देते हुए टीवी पर दिख गए होंगे । यह सभी लोग हिंदू त्योहारों पर कुकुरमुत्ता की तरह निकल आते हैं और फिर होली में पानी बर्बाद ना करने, पकवान में वेगन घी इस्तेमाल करने और दिवाली में पटाखे न छोड़ने का ज्ञान देने लगते हैं। क्या यह सभी ज्ञानचंद बताएंगे कि शाहरुख खान के बेटे ने आर्यन खान ने ड्रग मामले में जब जेल से छूट कर घर आया और उसके स्वागत में जो आतिशबाजी हुई , तो उस पटाखे से क्या ऑक्सीजन निकल रहा था ?
क्या यह सेलिब्रिटी जो अलग-अलग विज्ञापनों में पटाखे न छोड़ने की नसीहत दे रहे हैं , यह शाहरुख के घर पर हुए आतिशबाजी की निंदा करेंगे ? जवाब है नहीं… क्योंकि यह फॉर्मूला सिर्फ हिंदू त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों पर लागू होता है। आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि भाजपा ने पटाखा छोड़ने के लिए लोगों को उकसाया तो गोपाल जी आपको पता होना चाहिए कि पटाखे छोड़ने वाले सभी लोग भाजपाई नहीं हैं। हां, वह हिंदू जरूर हैं।
अगर आपको हिंदुओं से बैर है तो बेहतर होगा खुलेआम कहिए। भाजपा की आड़ में छुप कर हिंदुओं पर हमले करना बंद करिए वरना यह जनता है सब जानती है।